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भाजपा नेता संगम अग्रवाल के कारखाने में जिले के कई अधिकारियों ने किया जांच, संगम उद्यमियों ने कहा कुछ ज्यादा ही हो रहा है ,प्रशासन ने कहा हर हाल में करवाई होगी l

भाजपा नेता संगम अग्रवाल के कारखाने में जिले के कई अधिकारियों ने किया जांच, संगम उद्यमियों ने कहा कुछ ज्यादा ही हो रहा है ,प्रशासन ने कहा हर हाल में करवाई होगी l

कुछ दिनों पहले औद्योगिक क्षेत्र स्थित चंदुका मिनरसल्स कंपनी के सुरक्षा गार्ड प्रमोद पंडित की कंपनी मालिक द्वारा जमकर पिटाई कर दी गई जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। इस बावत नेताओं और मजदूरों ने जमकर कंपनी गेट एवं प्रशासन के समक्ष हंगामा कियाl मामले को गंभीरता से लेते हुए चर्चाओं के अनुसार एक मंत्री के फोन करने पर संगम अग्रवाल एवं अन्य के विरुद्ध प्रशासन ने मामला दर्ज कर लगातार छापामारी कर रहा हैl प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे कंपनी मालिक संगम अग्रवाल कंपनी पहुंचे एवं वहां तैनात सुरक्षा गार्ड को दूसरे स्थान पर ले जाकर उसको बांधकर जमकर पिटाई कर दिया। उसके बाद पुन उसे वापस कंपनी में छोड़ दिया गया। इसकी सूचना मिलने पर सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी द्वारा आदित्यपुर थाना पहुंचकर कंपनी मालिक के विरूध शिकायत किया गया। वही थाना प्रभारी के द्वारा थाना में कंपनी के जीएम को जमकर फटकार लगाते हुए तत्काल गार्ड को चिकित्सा कराने का निर्देश दिया गया। उसके बाद घायल सुरक्षा गार्ड को इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया गया। पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। इधर, उक्त घटना के बाद से कंपनी मालिक भूमिगत है। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सरायकेला खरसावां जिला उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला श्री राम कृष्ण कुमार के नेतृत्व में श्रम अधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा, फैक्ट्री इंस्पेक्टर मनीष कुमार, प्रदूषण पदाधिकारी जेपी सिंह , अंचल अधिकारी गम्हरिया मनोज कुमार ,जिला खनन पदाधिकारी सनी कुमार एवं आदित्यपुर थाना की मौजूदगी में एक साथ है संयुक्त रूप से जांच किया गया। जांच के क्रम में पत्थरों का भंडारण पाया गया। पत्थरों की भंडारण वैध है कि अवैध !

पत्रकारों ने जब यह सवाल किया तो जांच पदाधिकारियों द्वारा जांच करने के बाद ही बताए जाने की बात कही। ऐसे में यह मामला अब राजनीतिक रूप लेने लगा है । जो नेता उस वक़्त सामने थे, आज वे पर्दे के पीछे हो गए हैं ।वही एक वर्ग द्वारा मंत्री से मिलकर पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग किया जा रहा है, और
शीघ्र माननीय मुख्यमंत्री से मिलने की भी बात कही जा रही है,और कहां जा रहा है कि अब इस मामले में कुछ ज्यादा ही प्रशासन द्वारा किया जा रहा है । वही प्रशासन भी हर हाल में करवाई और गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रहा है। वही कंपनी मालिक द्वारा भूमिगत होते हुए एंटीसिपेटरी बेल लेने की प्रक्रिया किए जाने की भी बातें कही जा रही है।
देखना अब यह है कि बेल मिलता है या जेल?
ए के मिश्र

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