Jamshedpur. झारखंड की सरकार को गिराने के लिए पैसा लेकर भाजपा के बड़े नेता घूम रहे हैं. विधानसभा चुनाव के पहले विधायक को खरीदने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है. उक्त बातें मुख्यमंंत्री हेमंत सोरेन ने कही. वे मंगलवार को डोबो के काजू मैदान में ‘आपकी योजना, आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
सभा को संबोधित करने के पहले मुख्यमंत्री ने एक हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन व परिसंपत्तियों का वितरण किया.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में ‘जोहार’ कहकर सभी का अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार हर वर्ग को फोकस कर काम कर रही है. जब से उन्होंने जनहित की योजनाएं लागू करनी शुरू की, विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया. भाजपा की सरकार में लोगों को पेंशन के लिए सरकारी कार्यालय और दलालों के घरों के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब वे दावे के साथ कह सकते हैं कि राज्य में ढिबरी लगा के भी खोजेंगे, तो पेंशन से वंचित कोई नहीं मिलेगा. देश-दुनिया के लोग झारखंड को सोने की चिड़िया बोलते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगा.
ऐसा कहने वाले वो लोग हैं, जिन्होंने यहां से हजारों-करोड़ों रुपयों की लूट की है. 2019 में लोग राशन कार्ड के लिए परेशान थे. हमारी सरकार बनी सभी को राशन कार्ड के साथ अनाज भी प्रदान किया. कोरोना के दौरान सखी दीदियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर हर किसी के लिए भोजन तैयार किया, किसी को भी लावारिस नहीं छोड़ा-किसी को मरने नहीं दिया. जब भी वे कुछ अच्छा काम करने का प्रयास करते हैं, तभी उनके पीछे सीबीआइ-इडी को लगा देते हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार के गठन के चंद दिनों बाद से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. शुरुआती दो साल कोरोना से लड़ते रहे, इसके बाद सरकार को गिराने के अभियान का मुंहतोड़ जवाब जनहित की योजनाओं को धरातल पर उतार कर दे रहे हैं. तमाम चुनौतियों से लड़ते-लड़ते पिछले चार वर्षों में राज्य के गरीब, वृद्धजन, महिलाएं, किसान, आदिवासी, दलित, शोषित, पिछड़े सभी वर्गों के उत्थान के लिए उनकी सरकार ने जो लकीर खींची है, वह बहुत गाढ़ी है, उसे मिटा पाना मुश्किल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ इसलिए पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे, ताकि हम देख सकें कि जनहित में जो काम किये जा रहे हैं, वह लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं. उन्हें सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है या नहीं. यह दिल्ली-रांची से नहीं, बल्कि गांव से चलने वाली सरकार है.