Ranchi. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के संक्रमण की रोकथाम व चिह्नित मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि जीबीएस कोरोना संक्रमण की तरह एक-दूसरे के संपर्क से नहीं फैलता है. इसलिए इससे बचाव के लिए आम जनमानस को जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. अधिकारी सुनिश्चित करें कि दूषित जल और कच्चा भोजन के सेवन से होनेवाली इस बीमारी को लेकर किसी तरह के भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो. मुख्यमंत्री ने इस बीमारी के मरीजों की पहचान करने और अस्पतालों में उनके समुचित इलाज की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीबीएस बीमारी से निबटने के लिए सभी अस्पतालों में बेड, दवा, मेडिकल व ऑक्सीजन आदि की पुख्ता व्यवस्था रखें. इस बीमारी से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल रिम्स रेफर करें. संदिग्ध मरीजों को रिम्स तक पहुंचाने के लिए अलर्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम रखें, जिससे समय पर मरीज को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपलब्ध करायी जा सके. मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जनों को इस बीमारी से संबंधित न्यूज, एक्टिविटीज व अपडेट पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मरीज को इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं होना सुनिश्चित करें.
समीक्षा के क्रम में रिम्स के निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार ने कहा कि जीबीएस के गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए हाई अलर्ट मोड में रखा गया रिम्स पूरी तरह तैयार है.
उन्होंने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को जीबीएस के मरीज की पहचान व उसके समुचित इलाज की विस्तृत जानकारी साझा की. इस बीमारी से बचाव की गाइडलाइन जल्द ही सभी सिविल सर्जनों को उपलब्ध कराये जाने की बात कही. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ऑनलाइन जुड़े थे. मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी के दुष्प्रभाव, लक्षण एवं बचाव से संबंधित जानकारी दी. बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान के अलावा सभी जिलों के उपायुक्त व सिविल सर्जन वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे.