Jamshedpur. जमशेदपुर में रविवार को वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच की ओर से डहरे टुसू की शोभा यात्रा निकाली गयी. इस अवसर पर आदिवासी-मूलवासी समाज के हजारों लोग अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में झारखंड की लोक कला, नृत्य और संगीत की छटा बिखरी. पहली शोभायात्रा मानगो डिमना चौक से साकची आमबागान तक और दूसरी गम्हरिया-आदित्यपुर से बिष्टुपुर होते हुए साकची आमबागान तक निकाली गयी. इन शोभायात्राओं में हजारों आदिवासी-मूलवासी समाज के लोगों ने भाग लिया.
डहरे टुसू पर्व झारखंड और बंगाल के जनजातीय क्षेत्रों में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पर्व न केवल कृषि कार्यों के समापन का प्रतीक है, बल्कि नए वर्ष के आगमन का भी स्वागत करता है. पुरुष ढोल, नगाड़ा और बांसुरी जैसे वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों से वातावरण को उल्लासमय बना देते हैं. मांदर और नगाड़े की थाप पर सामूहिक नृत्य और गीतों की गूंज से पूरी बस्ती जीवंत हो उठती है. इस पर्व की उमंग और उल्लास कुड़मी समाज के प्रकृति-प्रेम और सामूहिकता की भावना का सार प्रस्तुत करते हैं, जो इसे अद्वितीय और प्रेरणादायक बनाता है.