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देवघर मंदिर में नई व्यवस्था धर्मरक्षिणी सभा ने किया विरोध, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेत्र करने का अनुरोध

देवघर. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर खवाड़े ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बैद्यनाथ मंदिर में सुलभ जलार्पण, पूजन की व्यवस्था बनाने और वित्तीय अनियमिताओं को दूर करने की मांग की है. चंद्रशेखर खवाड़े का कहना है कि मंदिर प्रभारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने घोषणा की है कि नए वर्ष 2025 में शीघ्र दर्शनम कूपन खरीदने वाले श्रद्धालुओं को बाबा बैद्यनाथ जी के प्रसाद स्वरूप मंदिर प्रशासन पेड़ा और बेलपत्र देगी. यह एक अच्छी पहल है. पर एसडीओ को जानकारी होनी चाहिए कि इसके पूर्व भी मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रसाद वितरण एवं लंगर की एक योजना चलाई जा चुकी है. जो अपनी कुव्यवस्था और वित्तीय अनियमिताओं के कारण बंद हो गई थी.

उनका कहना है कि पूर्व की योजना को भी चालू करने के पूर्व बाबा मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा विचार विमर्श कर ही सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया गया था, परंतु तत्कालीन प्रभारी ने बिना किसी से विचार विमर्श किये इस योजना का टेंडर भी निकाल दिया है. प्रभारी पहले उसकी वसूली करें. इस योजना में एक कर्मचारी के खाते में प्रसाद वितरण और लंगर के नाम पर भारी संख्या में दान की राशि आती रही है. प्रभारी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. ऐसी योजनाएं के संचालन का निर्णय बाबा मंदिर प्रभारी के अकेले क्षेत्राधिकार से बाहर है. यह निर्णय श्राइन बोर्ड से ही पास होना चाहिए था. यहां तक की मंदिर प्रभारी को वित्तीय अधिकार भी प्राप्त नहीं है. तब फिर किस प्रकार से इन्होंने ऐसे निर्णय को लेकर टेंडर तक निकाल दिया है.

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अब बाबा मंदिर प्रशासन बेलपत्र, गठबंधन, पेड़ा जैसे चीजों को बेचने का काम करेगी? ऐसे कार्यों से जहां सरकार और प्रशासन का स्तर गिरेगा, वहीं गरीब, मध्यम वर्गीय दुकानदार माली जैसे सामान्य परिवारों के सामने भुखमरी और बेरोजगारी की भयंकर आर्थिक तंगी वाली स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. यदि उन्होंने शीघ्र दर्शनम कूपन खरीदने वाले यात्रियों को दर्शनम में शीघ्रता करवा दिया जाए तो यह एक मील का पत्थर साबित हो जाएगा. सावन से ही एलइडी टीवी खराब है.

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