New Delhi. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ‘‘उल्लंघन’’ जांच के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए काम करने वाले कुछ ‘‘मुख्य विक्रेताओं’’ के परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कार्रवाई के तहत दिल्ली, गुरुग्राम और पंचकूला (हरियाणा), हैदराबाद (तेलंगाना) और बेंगलुरु (कर्नाटक) में स्थित इन ‘‘तरजीही’’ विक्रेताओं के कुल 19 परिसरों की तलाशी ली गई.
बताया जा रहा है कि ईडी ने करीब छह ऐसे विक्रेताओं के दस्तावेजों का अवलोकन किया और कुछ की प्रतियां लीं. विक्रेताओं के नाम नहीं बताए गए. सूत्रों ने बताया कि ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत दो बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कई शिकायतों पर जांच शुरू की है. आरोप लगाया गया है कि ये कंपनियां ‘‘प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं या सेवाओं के बिक्री मूल्य को प्रभावित करके और सभी विक्रेताओं को समान अवसर प्रदान नहीं करके भारत के एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नियमों का उल्लंघन कर रही हैं. दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने ईडी की कार्रवाई का स्वागत किया. सीएआईटी के महासचिव और दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘सीएआईटी कई अन्य व्यापार संगठनों के साथ पिछले कुछ वर्षों से इन मुद्दों को उठा रहा है. मैं ईडी की कार्रवाई का स्वागत करता हूं और इसे सही दिशा में उठाया गया कदम मानता हूं.
उन्होंने दावा किया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी प्रतिस्पर्धा-विरोधी तौर-तरीकों में ‘‘शामिल’’ होने के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट और उनके ‘‘तरजीही’’ विक्रेताओं को जुर्माना नोटिस जारी किया था. प्रतिस्पर्धा-विरोधी तौर-तरीकों के कारण छोटे व्यापारियों और किराना दुकानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
मौजूदा नियमों के अनुसार, ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है. लेकिन इन्वेंट्री आधारित मॉडल में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है. पहले भी ऐसी खबरें आई हैं कि सीसीआई भी ई-कॉमर्स कंपनियों के कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी तरीकों की जांच कर रहा है. सीसीआई बाजार में सभी क्षेत्रों में निष्पक्ष व्यापार तौर-तरीकों को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है.
सीएआईटी और खुदरा मोबाइल विक्रेताओं के संगठन एआईएमआरए ने भी कुछ समय पहले सीसीआई में याचिका दायर कर फ्लिपकार्ट और अमेजन के परिचालन को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी, क्योंकि उनका आरोप था कि ये कंपनियां उत्पादों पर भारी छूट देकर कारोबार को प्रभावित करती हैं.
उन्होंने कहा था कि बिक्री के इन तौर तरीकों के कारण मोबाइल फोन का ऐसा बाजार तैयार हो रहा है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, क्योंकि इस तरह के बाजार में शामिल कंपनियां करों की चोरी करती हैं.