Crime NewsJharkhand NewsSlider

Gumla: , गुमला में जलती चिता में बुजुर्ग को जिंदा जलाया, बचाने के लिए चिल्लाता रहा, पर कोई आगे नहीं आया, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

Gumla. गुमला जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग को मारपीट कर जलती चिता में जिंदा फेंक दिया गया. घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है. पूरी घटना सदर थाना क्षेत्र के कोराम्बी गांव की है. पूरा गांव सदमे में है. आरोपियों में झरी उरांव और उसका बेटा करमपाल उरांव शामिल हैं. घटना 25 दिसंबर की शाम गांव के ही श्मशान घाट पर हुई, जब झारी उरांव की बहन मंगरी देवी के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. उसकी मौत 24 दिसंबर को कुएं में डूबने से हो गयी थी. ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी का मानना था कि बुद्धेश्वर उरांव के जादू-टोना की वजह से ही मंगरी देवी की मौत हुई है.

हालांकि, गुमला पुलिस घटना के पीछे जमीन विवाद बता रही है. इधर, घटना के बाद आरोपी झरी उरांव ने गुमला थाना में आत्मसमर्पण कर दिया है. जबकि, उसका बेटा करमपाल उरांव फरार है. पुलिस ने इस मामले में जिंदा जलाने की प्राथमिकी दर्ज की है. मृतका बुद्धेश्वर उरांव के पुत्र झड़िया उरांव ने बताया कि 24 दिसंबर को गांव की मंगरी देवी की नहाने के क्रम में कुआं में डूबने से मौत हो गयी थी. वह कुछ दिनों से बीमार भी थी. गांव के श्मशान घाट में मंगरी का अंतिम संस्कार हो रहा था, जिसमें गांव के कई लोगों के साथ मेरे पिता भी शामिल होने पहुंचे थे. गुरुवार सुबह घटना की सूचना मिलने पर गुमला थाना की पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ कोरांबी गांव पहुंची. फॉरेंसिक टीम की मदद से पुलिस ने श्मशान घाट से बुद्धेश्वर उरांव का अधजला शव बरामद कर लिया है. जांच के लिए अधजले शव को रांची भेजने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, महिला के साथ बुद्धेश्वर उरांव की एक ही चिता में जलने के कारण पुलिस को अधजले शव को बरामद करने में परेशानी हुई.

मंगरी देवी के शव का अंतिम संस्कार गांव के ही श्मशान घाट में किया जा रहा था. उस दौरान गांव के दर्जनों लोग उपस्थित थे, तभी झरी उरांव व उसके बेटे करमपाल उरांव ने बुद्धेश्वर उरांव को पकड़ लिया. दोनों ने पहले उसे टांगी से काटा. यह देखकर वहां मौजूद कुछ लोगों ने बुद्धेश्वर को बचाने का प्रयास किया, लेकिन झरी व करमपाल ने उन लोगों को मारने के लिए डराया. इस कारण गांव के अन्य लोग वहां से भाग गये. इसके बाद झरी व करमपाल ने बुद्धेश्वर को मंगरी की जलती चिता में फेंक कर जिंदा जलाकर मार डाला. बताया जा रहा है कि जबतक बुद्धेश्वर जलकर मर नहीं गया, बाप-बेटे वहीं खड़े रहे. इस दौरान बुद्धेश्वर बचाने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन डर के मारे कोई मदद के लिए आगे नहीं आया.

Share on Social Media
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now