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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना का अनुशंसा पत्र फर्जी,तो एक माह गुजरने के बाद भी अब तक क्यों नहीं बन्ना ने कराई जांच ?

जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन की देखरेख में विभागीय स्तर पर टीवी अस्पताल में हुई नियुक्ति में कई अनियमितता का मामला सामने आया है,उक्त मामले में एक विवाद यह सामने आया,एक महिला कर्मचारी के पक्ष में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का हस्ताक्षर युक्त अनुशंसा का पत्र सिविल सर्जन कार्यालय के पास पहुंचाl उक्त पत्र में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उक्त महिला को  पोस्टिंग देकर सहयोग करने की बात कही थी l

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, झारखंड

मंत्री बन्ना गुप्ता को  जब पूरे मामले  की जानकारी दी गई  तो उन्होंने  अपने लेटर पैड एवं हस्ताक्षर युक्त उस  अनुशंसा पत्र को फर्जी बताया एवं कहा कि मेरे कार्यालय का हवाला दे सिविल सर्जन तक फर्जी पत्र पहुंचना गंभीर मामला है जो यहां के प्रमुख अखबार प्रभात खबर में प्रमुखता से छपा भी था l उक्त  विवादास्पद पत्र पहुंचे 1 माह से ज्यादा हो जाने के बाद भी अब तक किसी तरह का जांच, तथाकथित फर्जी पत्र मुद्दे पर नहीं बैठा है,जबकि  प्रभात खबर को मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया था कि मेरे दफ्तर के नाम से सिविल सर्जन के पास फर्जी पत्र पहुंचना गंभीर मामला है एवं इसकी जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मंत्री के बयान के बाद भी अब तक फर्जी पत्र जारी करने पर जांच नहीं बैठना संदिग्ध है l विरोधी पार्टी  के स्थानीय नेता का मानना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने  गलती को छुपाने के लिए अपने पत्र को फर्जी बता रहे हैं ,जिस कारण 1 माह से ज्यादा हो जाने के बावजूद भी अब तक उक्त विवादित अनुशंसा पत्र पर जांच नहीं बैठाया गयाl

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