झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेल पर बाहर आने के बाद हूल दिवस की तैयारी और तेज हो गई है. 30 जून को हूल दिवस है और उससे पहले सोरेन की जमानत ने जेएमएम कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना कर दिया है.
इस साल के अंत तक झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने से कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिलेगी. अपने नेता के जेल से बाहर आने के बाद वे एक संदेश देने का प्रयास करेंगे कि हेमंत सोरेन को गलत तरीके से फंसाया गया है, जैसा वे हमेशा से कहते नजर आते रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन की कमी साफ महसूस की गई. हालांकि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाला था और पांच सीट गठबंधन के खाते में आई. अब देखना होगा कि गठबंधन और सरकार का पावर सेंटर कौन होता है?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के साथ बातचीत करने में आसानी होगी. झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की मिली जुली सरकार है, साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर भी वे जेएमएम को मजबूती दे सकते हैं.
पहले जेल में हेमंत सोरेन नेताओं से बात करके संगठन और झारखंड की राजनीति के बारे में जानकारी लेते थे. अब वे जब जेल से बाहर आ जाएंगे तो प्रदेश में घूमकर जमीनी हकीकत से रु-ब-रु होंगे. हालात के बारे में जानकारी लेकर वे विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर सकेंगे.
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि सरकार और पार्टी का स्ट्रेक्चर नहीं बदलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अभी केवल जमानत मिली है.
कुमार मनीष,9852225588