भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों सुनामी सा छाया हुआ है.निवेशकों को प्रतिदिन भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ रहा है.यह नुकसान कब थमेगा इसका कयास लगाना असंभव है. इस गिरावट के दौर में चाहे लंबी अवधि के निवेशक हो या छोटे अवधि के निवेशक ,सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि कहां थमेगी शेयर बाजार में जारी यह गिरावट ?
वर्ष 2020 के कोविड काल के बाद पहली बार ऐसी स्थिति निवेशकों के सामने बनी हुई है, जिससे निवेशकों का घबराना भी स्वभाविक है. सेंसेक्स और निफ्टी के आंकड़ों को गौर से देखें तो ज्ञात होता है कि चंद हफ्ते की तेज गिरावट में सेंसेक्स करीब 6000 अंक टूट चुका है तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी तकरीबन 1900 अंक नीचे आ चुकी है. ऐसे में निवेशकों का धैर्य जवाब देता दिख रहा है.
इस दौरान सबसे ज्यादा गिरावट मिड कैप एवं स्मॉल कैप शेयरों में आई है. कई बड़ी कंपनियों के शेयर में भी तकरीबन 40 से 50 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट में वोडाफोन आइडिया के शेयर 50% से ज्यादा गिर चुके हैं,वहीं दूसरी और ओला इलेक्ट्रिकल, BEL के शेयर 30 से 40% गिर चुके हैं.
दीपावली के शुभ अवसर पर शेयर बाजार में दाव लगाने वाले निवेशक घबराए हुए हैं,सभी के जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक बाजार इस तरह से गिरता रहेगा! और कहां जाकर बाजार को सपोर्ट मिलेगा?
एक्सपर्ट की माने तो बाजार में इस बड़ी गिरावट के पीछे कई कारण है जिसमें तीन कारण काफी महत्वपूर्ण है.
1. उम्मीद के अनुरूप दूसरी तिमाही के नतीजे नहीं आने के कारण कई शेयर के भाव गिर रहे हैं. खासकर सरकारी कंपनियों के शेयर, ऑटो सेक्टर के शेयर, बैंकिंग, एफएमसीजी इत्यादि कुछ कंपनी ने बाजार के मूड-माहौल को खराब कर रखा है.
2. वर्तमान में FII की तरफ से तेज बिकवाली देखी गई है,वहीं घरेलू निवेशक लगातार हो रहे गिरावट की वजह से बड़ी खरीदारी करने में संकोच करते देखे जा रहे हैं.FII पिछले एक महीने में भारतीय शेयर बाजार से तकरीबन एक लाख करोड रुपया निकाल चुके हैं .विदेशी संस्थापक निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं इसके कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है.
3. बीते कुछ महीना में फंडामेंटली मजबूत शेयर में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली. इसी बीच कई ऐसे शेयर भी भाग पड़े जिनके भागने का कोई खास कारण नहीं था . ग्रोथ के मुकाबले काफी ज्यादा चल चुके कुछ शेयरों के अनाप-शनाप भागने के कारण बाजार खराब हुआ, जिसके कारण महंगे वैल्यूएशन वाले शेयरों में बिकवाली हावी है और ऐसे शेयर अपने हाई लेवल से तकरीबन 50% टूट चुके हैं.
हालांकि बाजार के जानकारी का मानना है कि निफ्टी को पहला सपोर्ट 24000 पर प्राप्त हो सकता है, वहीं कुछ जानकार बताते हैं कि 23500से 23800 पर बाजार का मूड बदल सकता है. अनिश्चित के दौर में फंसा शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के अनुरूप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फंडामेंटली मजबूत स्टॉक में निवेश कर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.