Jamshedpur. एमजीएम मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के लगभग सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने जेडीए के बैनर तले रविवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से उनके कदमा आवास पर मिलकर एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उन लोगों ने बिहार की तर्ज पर स्टाइपेंड देने व झारखंड में तीन साल का बांड को कम करने की मांग की गयी है.
इस दौरान जेडीए के राज्य सचिव डॉक्टर राघवेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार की तर्ज पर झारखंड के डॉक्टरों को भी स्टाइपेंड मिलना चाहिए. बिहार में जूनियर रेजीडेंट-1 को 82 हजार रुपये मिलता है, जबकि यहां 64500 रुपये मिलता है. वहीं जूनियर रेजीडेंट-2 को बिहार में 90200 मिलता है, जबकि यहां 58,500 रुपये मिलता है. इसी तरह नन-एकेडमिक जेआर और इंटर्न को भी यहां स्टाइपेंड काफी कम मिलता है.
वहीं झारखंड में तीन साल का बांड है, जिसे कम करने की मांग की गयी. जूनियर चिकित्सकों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव से भी बात की. इसके बाद उन्होंने भरोसा दिया कि जल्द ही आपलोगों की सकारात्मक संदेश मिलेगा. इस अवसर रांची रिम्स, धनबाद, हजारीबाग सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों से करीब 150 की संख्या में जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से उनके आवास पर मिलने पहुंचे थे.