जमशेदपुर की सड़कों का अतिक्रमण कर बने खाऊं गली पर संकट मंडरा सकते हैं, हालांकि खाऊं गली में दुकान लगने से कई अधिकारी एवं नेताओं के जेब गर्म होने की बात सामने आई है.
ज्ञात हो कि झारखंड हाई कोर्ट द्वारा सड़कों से फुटपाथ दुकानदारों और सब्जी विक्रेताओं को हटायें जाने की टिप्पणी से मुफ्त में पार्सल वसूलने वालों में खलबली मची है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को राजधानी रांची में जाम की समस्या को गंभीरता से लेने को कहा है,अन्यथा आला पुलिस अधिकारी को तलब करने की चेतावनी दी है.
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि रांची के मुख्य सड़कों पर फुटपाथ विक्रेता बैठे रहते हैं, जिससे प्रतिदिन जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं. दुकानदारों के लिए अलग जगह सुनिश्चित की जाये. अदालत ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों और सब्जी विक्रेताओं के लिए सड़क के बजाये अन्य जगहों पर बसाने की वैकल्पिक व्यवस्था करें, जिससे सड़क आमलोगों के चलने के लिए खुली रहे. अदालत ने नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा कि लालपुर चौक के पास सब्जी विक्रेताओं के लिए कौन-सी जगह निर्धारित की गयी, उसके बारे में भी अदालत को जानकारी दी जाये. अदालत ने कहा कि राजधानी में सड़कों पर लोग अपने वाहन लगा देते हैं और वेंडर भी अपनी दुकान सजा देते हैं. ट्रैफिक पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करती है.
जमशेदपुर में भी बिना कोई तैयारी के स्ट्रीट वेंडर को मुख्य सड़क पर लगाने की अनुमति दिए जाने से यातायात की समस्या सामने आई है जिससे प्रतिदिन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पर चंद गिने-चुने लोग निजी स्वार्थ वश जमशेदपुर वासियों के लिए कठिनाई पैदा करते हैं.
कुमार मनीष,9852225588