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Jharkhand Elections: इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ को बताया ‘झूठ, लूट, ठग पत्र’, दावा किया, भाजपा ने 20 दिन पहले ही स्वीकारी हार

Ranchi. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ को ‘झूठ, लूट और ठग पत्र’ करार दिया तथा दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव परिणाम से 20 दिन पहले हार स्वीकार कर ली है. झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लाभार्थियों को हेमंत सोरेन सरकार की मैय्या सम्मान योजना के तहत 2,500 रुपये मिलेंगे, जबकि भाजपा की ‘गोगो दीदी’ योजना के तहत 2,100 रुपये दिए जाएंगे. भट्टाचार्य ने कहा, ‘गृह मंत्री (अमित शाह) झारखंड में पांच लाख नौकरियों का हिसाब मांग रहे हैं. मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था. शाह को जवाब देना चाहिए कि क्या उन्होंने 11 साल में 22 करोड़ नौकरियां दी हैं. 22 करोड़ को छोड़ो, सिर्फ दो करोड़ नौकरियों के आंकड़े बताओ.’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में अन्य लाभार्थियों को प्रभावित किए बिना ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया है. उन्होंने कहा, ‘हम पहले ही एसटी को 28 प्रतिशत, एससी को 26 प्रतिशत और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आश्वासन देते हुए एक विधेयक पारित कर चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में ओबीसी कोटा 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया था.’ हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी कांग्रेस ने भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ को ‘फरेब (धोखाधड़ी) पत्र’ करार दिया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा का संकल्प पत्र राज्य की जनता को धोखा देने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘झारखंड की जनता सतर्क हो गई है और झूठे वादों के जाल में नहीं फंसेगी. गठबंधन अपने काम की बदौलत सत्ता में बना रहेगा.’ भाजपा के घोषणापत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश ठाकुर ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) ने घुसपैठ की बात कही और इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) को जिम्मेदार ठहराया. मुझे लगता है कि वह संविधान को ठीक से नहीं समझते. सीमा सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है और यह घुसपैठ उनकी वजह से हो रही है. उन्हें जिम्मेदारी लेकर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’ ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि आदिवासी समुदायों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में शामिल नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘आपने (अमित शाह) झारखंड में विरोध का सामना करने के बाद यह फैसला लिया.’

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