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Jindal Stainless: आम बजट से पहले जिंदल स्टेनलेस ने की मांग, मॉलिब्डेनम पर Import duty शून्य हो, स्टेनलेस स्टील उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाये सरकार

New Delhi.. आम बजट से पहले जिंदल स्टेनलेस ने मॉलिब्डेनम अयस्क जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल पर आयात शुल्क को शून्य करने और शुद्ध निकल, फेरो-निकल, स्टेनलेस स्टील कबाड़ और हल्के स्टील कबाड़ (स्क्रैप) पर शून्य शुल्क जारी रखने की वकालत की है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट संसद में बजट पेश करेंगी.

मॉलिब्डेनम अयस्क का इस्तेमाल बेहद मजबूत इस्पात बनाने में किया जाता है. मोलिब्डेनम अयस्क पर फिलहाल पांच प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है. जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बयान में कहा, ‘‘हम भारत में अनुपलब्ध मॉलिब्डेनम अयस्क जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल पर आयात शुल्क को शून्य करने और शुद्ध निकल, फेरो-निकल, स्टेनलेस स्टील कबाड़ और हल्के स्टील कबाड़ पर शून्य शुल्क जारी रखने की अनुशंसा करते हैं. स्टेनलेस स्टील की मांग को बढ़ावा देने के लिए जिंदल ने कहा कि सरकार को अंतर्देशीय जलमार्ग, रेल अवसंरचना और तटीय पोत परिवहन के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए बुनियादी ढांचे पर खर्च जारी रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रमुख कच्चे माल तक पहुंच सुनिश्चित करना एक और अहम जरूरत है. इसके लिए सभी गैर-मुक्त व्यापार समझौते वाले देशों के लिए स्टेनलेस स्टील उत्पादों पर मूल सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाना चाहिए. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि आगामी केंद्रीय बजट में स्टेनलेस स्टील क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियों के समाधान को प्राथमिकता दी जाएगी. भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संघ के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति ने कहा कि सार्वजनिक परियोजनाओं में जीवन चक्र लागत विश्लेषण को प्राथमिकता देकर और मददगार नीतियों को लागू कर सरकार इस क्षेत्र को वैश्विक महाशक्ति में बदल सकती है.

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