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Jamshedpur: Saryu Vs Banna: विधायक सरयू राय का बड़ा आरोप,कदमा में बन्ना ने बंद करा दी सड़कें, होटल के सामने खड़ा किया बड़ा शेड, मंत्री के दबाव में काम कर रहा जेएनएसी व जिला प्रशासन

Jamshedpur. विधायक सरयू राय ने शनिवार को बिष्टुपुर स्थित कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को कटघरे में खड़ा किया. उनके खिलाफ कई आरोप लगाये.

विधायक ने जमशेदपुर पुलिस प्रशासन से आग्रह किया कि वह राजनीतिक दबाव में काम करने के बदले कानून और संविधान के तहत दायित्व का निर्वहन करे.

कदमा में एक पुष्पांजलि सामुदायिक भवन है, जिस पर जेएनएसी ने नोटिस चिपका दिया है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री के घर के सामने जिला योजना की निधि से बने एक मंजिला सामुदायिक भवन पर दो मंजिल का अवैध निर्माण हुआ है. यह किसके पैसे से हुआ है इस पर जेएनएसी या जिला प्रशासन मौन है.

विधायक ने कहा कि जब वे जमशेदपुर पश्चिम से विधायक थे, तो डीएन लाइब्रेरी फूड प्लाजा की जमीन पर बना कन्वेंशन सेंटर की नींव रखी थी. फूड प्लाजा की जमीन पर स्वास्थ्य मंत्री का अवैध कब्जा हटाकर सरकार ने कन्वेंशन सेंटर बनाया. आज तक इन भवनों का उद्घाटन नहीं हो सका ये जर्जर हो रहे हैं. आखिर किसके दबाव में ऐसा हो रहा है.

विधायक सरयू राय ने कहा कि मंत्री के दबाव में कदमा की दो सड़कें बंद कर दी गयी हैं. उनके करीबी संजीव आचार्या ने यह मामला उठाया, तो स्वास्थ्य मंत्री के करीबी ने उन पर एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया.

मंत्री ने अपने होटल के समीप सार्वजनिक सड़क पर बड़ा सा शेड खड़ा कर दिया है, इसपर जेएनएसी या प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ती?

विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन ही नहीं सरकार भी स्वास्थ्य मंत्री के उत्पात पर मौन है. एफआइआर कराना इनकी आदत में शुमार है. उन पर दो एफआइआर और एक मानहानि का मुकदमा किया है, लेकिन अब गवाही देने नहीं जाते. जमशेदपुर में पुलिस प्रशासन इनकी अवैध गतिविधियों का साझेदार बन गया है और रांची में भी सरकार मौन साधे हुए है.

ब्रजेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह मामले में पुलिस की निष्पक्षता पर उठाये सवाल

विधायक ने कहा कि विगत कुछ समय से प्रतीत हो रहा है कि जमशेदपुर प्रशासन और पुलिस का रवैया निष्पक्ष नहीं है. उन्होंने कहा कि कदमा थाना में ब्रजेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी, जिसके दो दिन उसे गिरफ्तार किया गया, फिर उन्हें पीआर बांड पर जमानत मिल गयी. जमानत रहने के बावजूद अगले दिन पुलिस ने उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने फिर उन्हें छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने उनके घर जाकर लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया, जिसे अभी तक नहीं लौटाया है और न ही जब्ती सूची दी है.

इस बीच पुलिस ने पीड़िता का धारा 164 में कोर्ट में बयान करा लिया है. इस मामले में पुलिस की अति सक्रियता सामान्य नहीं प्रतीत होती है. कारण कि उन्हीं लोगों ने कदमा थाना में ही 29 जून को 2024 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें भी वही धाराएं लगाई गयी हैं, जो मुन्ना सिंह पर लगाई गई हैं. दोनों एफआइआर एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर में लिखी गयी हैं. इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई.
श्री राय ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुन्ना सिंह को पसंद नहीं करते, उनके साथ अदावत रखते हैं. जेएनएसी ने मुन्ना सिंह के घर पर नोटिस चिपका दिया और कहा है कि उनके घर के पार्किंग में दुकान चल रही है. उसे वे हटा दें नहीं तो उसे तोड़ दिया जाएगा.

कुमार मनीष,9852235588

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