Waynad. केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर भारी बारिश के बाद हुईं भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गयी है तथा सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया. लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों का निकालने की कोशिशों में जुटे हैं.
जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर के अनुसार, मृतकों की संख्या 45 हो गयी है. उन्होंने बताया कि चूरलमाला में भूस्खलन में 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इसके अलावा, चेलियार नदी में बहे नौ लोगों के शव मलप्पुरम में बरामद किए गए.
मृतकों के शवों को पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है. प्रधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं. बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गयी है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अलावा पुलिस तथा दमकल कर्मियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है.
सैकड़ों अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, लेकिन प्राधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.भूस्खलन से तबाह हुए मकानों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे होने के बाद लोग लगातार फोन कर मदद की गुहार लगाते रहे.
केरल सरकार ने सेना की सहायता मांगी
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है. इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे.
वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं.
पीएम ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूस्खलन की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को संकट से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वायनाड में कुछ जगहों पर भूस्खलन की खबर से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया है और जो घायल हुए हैं, मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है. मोदी ने लिखा, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से बात की और वहां उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया. मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं। कई मकान जमींदोज हो गए हैं, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं.