Kolkata. कोलकता के आरजी कर कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घौष पर जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और फिर हत्या की घटना के साक्ष्य मिटाने के मामले में सियालदह अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसडे ने कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और यदि ये साबित हो जाते हैं, तो इसमें मृत्युदंड की सजा हो सकती है, जो दुर्लभतम मामलों में दी जाती है. अदालत ने घोष की जमानत अर्जी खारिज कर दी. जज ने कहा कि अदालत की राय है कि आरोपी को जमानत पर रिहा करना समता के सिद्धांत का उल्लंघन होगा.
वहीं, आरजी कर कांड को लेकर जूनियर डॉक्टर दुर्गापूजा के दौरान भी अपना आंदोलन जारी रखेंगे. वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट की ओर से एक बार फिर इस आंदोलन को तीव्र किये जाने की घोषणा की गयी है. अब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलने के कारण महालया के दिन को जूनियर डॉक्टर महाजुलूस निकालेंगे.