कोलकाता. हाल ही में चांदनी चौक स्टेशन पर एक व्यक्ति की आत्महत्या के बाद कोलकाता मेट्रो ने यात्रियों को जागरूक करने के लिए अपने ‘आत्महत्या रोकथाम’ अभियान को और तेज कर दिया है. यह घटना छह जनवरी को हुई थी, जिससे दक्षिणेश्वर-न्यू गरिया कॉरिडोर (ब्लू लाइन) पर ट्रेन सेवाएं दो घंटे तक बाधित रहीं और हजारों यात्रियों को असुविधा हुई.
मेट्रो रेल कोलकाता के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि प्लेटफॉर्म के किनारे रंग-बिरंगे बैनर और पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिनमें यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे प्लेटफॉर्म के किनारे पीली रेखा के पास न जाएं. इन बैनरों में लिखा गया है, “दो बार सोचें, जीवन अनमोल है” और “आपके परिवार वाले घर पर आपका इंतजार कर रहे हैं, कृपया उनके बारे में सोचें.”
अधिकारी ने बताया कि सभी स्टेशनों के स्टेशन मास्टर रूम और मेट्रो भवन मुख्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों से यात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा कर्मियों को दी जा रही है. प्लेटफॉर्म पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और मेट्रो स्टाफ ऐसे यात्रियों की पहचान करने की कोशिश करते हैं, जो मानसिक रूप से परेशान नजर आते हैं.
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ब्लू लाइन पर प्लेटफॉर्म और ट्रैक के बीच कांच के बैरियर लगाना संभव नहीं है, क्योंकि यह कोलकाता मेट्रो की सबसे पुरानी लाइन है. इस लाइन पर इस्तेमाल होने वाली विभिन्न कंपनियों की ट्रेनों की लंबाई में भिन्नता होने के कारण यह तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं है. हालांकि, नई लाइनों जैसे ऑरेंज, ग्रीन और पर्पल लाइनों पर यह सुविधा उपलब्ध है.
मेट्रो ने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न स्टेशनों पर कुछ ऐसे कर्मचारियों की तैनाती की है, जिन्हें परामर्श का अनुभव है. ये कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान यात्रियों से बात कर उन्हें सांत्वना देने का प्रयास करते हैं. हालांकि, अधिकारी ने स्वीकार किया कि उनके पास मेट्रो ट्रैक पर आत्महत्या के प्रयासों का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है.
इस अभियान का उद्देश्य यात्रियों के बीच जागरूकता फैलाना और आत्महत्या की घटनाओं को रोकना है.