झारखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के पहले राज्य की सरकार ने सीएम, मंत्रियों और विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है।
बुधवार को सीएम चंपई सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया। इसी प्रस्ताव में विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पार्टी सचेतकों, उप सचेतकों, नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते में भी वृद्धि का निर्णय लिया गया है।
राज्य के विधायकों का वेतन भत्ता प्रतिमाह करीब 68 हजार रुपये तक बढ़ेगा। अभी विधायकों का वेतन-भत्ता 2.20 लाख है। कैबिनेट के फैसले के अमल में आते ही उन्हें हर महीने करीब 2.88 लाख मिलेंगे। अब उन्हें वेतन मद में 60 हजार, क्षेत्रीय भत्ता के रूप में 80 हजार, सत्कार भत्ता 40 हजार और दैनिक भत्ता 3 से 4 हजार रुपए तक देय होगा।इसके अलावा उन्हें सवारी भत्ता, समाचार पत्र के लिए भी अलग से भत्ता देय होगा।मुख्यमंत्री का वेतन भी अब साढ़े तीन लाख होगा।
वैसे राज्य में जहा गरीबों के हालात बद से बदतर है, सरकार न्यूनतम मजदूरी में कोई वृद्धि नहीं कर सकी लेकिन माननीयों को कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व भरपूर लाभ ले रहे है।
पूर्व विधायकों की पेंशन में भी आनुपातिक रूप से वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इसके पहले विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन को लेकर गठित विशेष समिति ने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी थी।
गरीबों की सरकार कहे जाने वाले चंपई सरकार से मजदूरों को उम्मीदें थी लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक बाद अपना वेतन बढ़ा रहे माननियो से अब जनमानस आहत दिख रही है।
कुमार मनीष,9852225588