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अफसरशाही के कारण नहीं मिल रहे हैं विधवा पेंशन और पीएम आवास की दूसरी किस्त ?अब विधायक और बड़े अधिकारियों से उम्मीदें ।

अफसरशाही के कारण नहीं मिल रहे हैं विधवा पेंशन और पीएम आवास की दूसरी किस्त ? अब विधायक और बड़े अधिकारियों से उम्मीदें ।
जमशेदपुर के पोटका विधानसभा क्षेत्र के हेसड़ा पंचायत के नंदनी महाकुंड, अफसर शाही के चौखट पर चक्कर लगाते लगाते थक हार चुकी है। पति के मृत्यु के 6 साल बाद भी सारे दस्तावेजों के बावजूद भी नहीं मिला विधवा पेंशन ,दोनों बेटियों के पढ़ाई हुई बंद ,पीएम आवास के दूसरा किस्त भी बना हुआ है जी का जंजाल। यह मामला है माननीय विधायक ( पोटका )श्री संजीव सरदार की विधानसभा क्षेत्र की हेसड़ा पंचायत के मुकुंदा साईं के नंदनी महाकुड़ का है । जिनके पति का स्वर्गवास 6 साल पहले हो गया है परंतु आज तक विधवा पेंशन के लिए चक्कर लगाते लगाते थक हार चुकी है नंदिनी महाकुंड। विधवा पेंशन तो नहीं हुआ परंतु  उनके लिए जी का जंजाल बन गया है पीएम आवास।  वह दूसरे किस्त के लिए पिछले 6 महीनो से पंचायत सचिव और प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट काट कर परेशान है ।उनकी दो बेटियों का पढ़ाई भी बंद हो गया है l उनका कहना है कि  सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी दे रहे हैं सिर्फ कोरा आश्वासन।
हेसड़ा पंचायत के मुकुंदा साई में नंदनी महाकुड़ के नाम से जनवरी 2020 को पीएम आवास स्वीकृत हुआ ।स्वीकृति के साथ ही पंचायत सचिव द्वारा घर बनाने को लेकर परेशान किया जाने लगा। जिसके बाद नंदिनी महाकुड़ ने अपने फूस के मकान को तोड़कर आवास बनाना प्रारंभ कर दी, लिंटर तक बनाने के बाद दूसरा किस्त मिलना था। मगर पंचायत सचिव द्वारा 4 महीने से लगातार दूसरे किस्त के लिए दौडाया जा रहा है ।वही पंचायत सचिव का कहना था कि आप ढलाई कर दीजिए 8 दिन के अंदर दूसरा किस्त भी मिल जाएगा। नंदनी महाकुड़ दुकान से सीमेंट इत्यादि उधार लेकर छत ढलाई कर दी, लेकिन अभी तक दूसरा किस्त नहीं मिला ।अब सीमेंट वाला और मजदूर उन्हेंं बकाया पैसे के लिए प्रतिदिन परेशान कर रहे है ।इस उधार भरी जिंदगी से तंग आकर बेटियों का पढ़ाई भी बंद हो चुका है। बड़ी बेटी छाया महाकुड ग्रेजुएशन करना चाहती है। मगर पैसे के अभाव में पढ़ाई इंटर में ही छोड़ना पड़ गया। छोटी बेटी मैट्रिक पढ़ने के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रही है। पिता की मृत्यु के 6 साल बीत चुके हैं ।विधवा पेंशन और आवास दोनों ही कर्मचारियों पदाधिकारियों के गिरफ्त में फंस कर रह गया है। नंदनी महाकुड़ थक चुकी है। चारों तरफ उधार ही उधार है l अब   देखना यह है कि पदाधिकारियोंं, कर्मचारियों और माननीय विधायक की कब जमीर जगती है ताकि नंदिनी महाकुंड को विधवा पेंशन और पीएम आवास का दूसरी किस्त मिल सके l   पोटका विधायक संजीव सरदार गरीबों के मसीहा कहे जाते हैं l ऐसे में देखना यह है कि  इस मामले में विधायक संजीव सरदार इन्हें न्याय दिला पाते हैंं अथवा नहीं l

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