- समिति ने ओडिशा सरकार को 14 जुलाई को खजाने के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की सिफारिश करने का फैसला किया है
Bhubaneswar. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के सिलसिले में गठित उच्च स्तरीय समिति ने ओडिशा सरकार को 14 जुलाई को खजाने के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की सिफारिश करने का फैसला किया है. समिति के एक सदस्य ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुरी में समिति के सदस्यों की एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. रत्न भंडार में संग्रहित मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने की निगरानी के लिए समिति का गठन किया गया था.
समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा, ‘हमने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि समिति सरकार से 14 जुलाई को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने का अनुरोध करेगी. रत्न भंडार को आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था. रथ ने बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को इस बैठक के दौरान समिति के समक्ष रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी पेश करने के लिए कहा गया.
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक समिति के सदस्य संयोजक भी हैं.
रथ ने कहा, हालांकि, एसजेटीए प्रशासन डुप्लीकेट चाबी नहीं दे सका क्योंकि मंदिर प्रशासन रथ यात्रा के आयोजन में व्यस्त था. अब मुख्य प्रशासक को 14 जुलाई को समिति के समक्ष चाबी जमा करने को कहा गया है.
चाबी काम नहीं करने पर ताला तोड़ने का भी निर्णय
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि डुप्लीकेट चाबी काम नहीं करेगी, तो ताला तोड़कर रत्न भंडार को खोला जाएगा. आभूषणों की सूची बनाने और रत्न भंडार की मरम्मत के लिए आवश्यक कई मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) पर विस्तृत चर्चा की गई. रथ ने कहा, ‘नियमों के अनुसार, बैठक के विवरण मंदिर प्रबंध समिति को भेजे जाएंगे, जो इसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजेगी. उसके बाद रत्न भंडार खोला जा सकेगा.
हाल में संपन्न लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान मंदिर के रत्न भंडार को फिर से खोलना राज्य में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादा किया था कि ओडिशा में पार्टी के सत्ता में आने पर आवश्यक मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार को फिर से खोला जाएगा और मूल्यवान वस्तुओं की सूची तैयार की जाएगी.