Bhuneshwar. ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ. विपक्षी बीजू जनता दल व कांग्रेस के विधायकों ने एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित मारपीट के मामले में राज्यपाल रघुवर दास के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया. इस कारण विधानसभा में आज प्रश्नकाल व अन्य कार्यक्रम नहीं हो सके.
आज सदन का काम निर्धारित समय पर साढ़े दस बजे शुरू हुआ. अध्यक्ष श्रीमती सूरमा पाढ़ी प्रश्नकाल कार्यक्रम शुरू करना चाहा. मंत्री रवि नारायण नायक सवाल का जवाब देने जा रहे थे कि विपक्षी दल की प्रधान सचेतक श्रीमती प्रमिला मलिक अपनी सीट पर खड़ी होकर कुछ कह रही थीं, लेकिन माइक बंद होने के कारण उनकी आवाज प्रेस क्लब तक नहीं सुनायी दे रहा था. इस बीच, सदन में विपक्षी बीजेडी सदस्यों ने राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विपक्ष के सदस्यों ने विरोध करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ओडिया अस्मिता के मुद्दे पर सरकार में आयी है और इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही है. हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सूरमा पाढ़ी ने सदन को 11:30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की.प्रश्नकाल का कार्यक्रम तो नहीं हो सका, लेकिन बाद में भी स्थिति वैसी ही रही.
बीजद व कांग्रेस के सदस्यों ने एक साथ उठाया राज्यपाल के बेटे का मुद्दा
दूसरी ओर, आज बीजेडी विधायकों द्वारा विरोध को लेकर बीजेपी विधायक जयनारायण मिश्रा ने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि दिव्य शंकर मिश्रा के मामले में पूर्व मंत्री प्रताप जेना के मामले में उन्होंने क्या किया. इसी तरह विधायक टंकधर त्रिपाठी ने भी सवाल किया कि पिछले 24 वर्षों में बीजद ने कितनी बार अस्मिता के बारे में बात की है. जो लोग 24 साल से सत्ता में हैं और उनके नाम पर जघन्य अपराध है, वे अब ओडिया अस्मिता की बात कर रहे हैं. हंगामा बढ़ते देख सदन को शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
राज्य सरकार राज्यपाल के बेटे को बचा रही है: प्रमिला मलिक
विपक्षी बीजद के मुख्य सचेतक श्रीमती प्रमिला मलिक ने राज्यपाल के बेटे द्वारा एएसओ की कथित पिटाई पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर राज्य सरकार पर हमला बोला है. विधानसभा परिसर में सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमती मलिक ने कहा कि राज्य सरकार राज्यपाल के बेटे को बचा रही है. जब ओडिशा के एक अधिकारी पर राज्य के बाहर के व्यक्ति द्वारा हमला किया गया तो भाजपा की ओडिया ”अस्मिता” कहां गयी है ? हालांकि 12 जुलाई को एक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की जांच नहीं हुई. राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने एएसओ से क्या चर्चा की, इसकी जानकारी नहीं है. एएसओ का तबादला कर दिया गया. राज्य के कानून मंत्री का कहना है कि जिलाधिकारी जांच कर रहे हैं. जिला मजिस्ट्रेट आपराधिक मामलों की जांच कहां करता है? एसपी व थानाधिकारी कहां गये. बीजेपी ओडिया अस्मिता के मुद्दे पर सरकार में आयी है. मुख्यमंत्री को सदन में बताना चाहिए कि क्या उन्होंने एएसओ को सुरक्षा दी है.