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PALAMU : जेल जाने से घबराकर मर्डर केस के दोषी 70 वर्षीय बुजुर्ग ने की खुदकुशी

पलामू. जेल जाने से घबराकर मर्डर केस के दोषी बुजुर्ग ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली. उसे आज पलामू कोर्ट में सरेंडर करना था. इससे पहले ही उसकी बॉडी बरगद के पेड़ से लटकी मिली. घटनास्थल से एक सीढी, टार्च और एक प्लास्टिक भी मिली है. अनुमान लगाया जा रहा है कि बुजुर्ग ने आत्महत्या के लिए इन तमाम सामानों का इस्तेमाल किया होगा.

जानकारी के अनुसार, जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के शाहद ग्राम निवासी धर्मपाल महतो (70) ने कुंदरी वन क्षेत्र में बरगद पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. चरवाहे एवं लकड़ी चुनने वाली महिलाओं ने बुधवार दोपहर एक बजे बरगद के पेड़ में फंदे पर लटके एक बुजुर्ग को देखकर इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी. बाद में शव की पहचान की गई. सूचना मिलने पर लेस्लीगंज पुलिस मौके पर पहुंची एवं फंदे से शव को उतारकर शव को अंत्यपरीक्षण के लिए मेदिनीनगर के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज में भेज दिया.

जानकारी के अनुसार, वर्ष 1997 में ओरिया में अमरेश महतो की हत्या हो गयी थी, जिसमें पूर्व प्रमुख राजनाथ महतो, 74 वर्षीय सिद्वनाथ महतो, 70 वर्षीय बुजुर्ग धर्मपाल महतो, 76 वर्षीय मुक्तेश्वर महतो, 65 वर्षीय अनिल महतो एवं 62 वर्षीय नरेश महतो को जिला कोर्ट से 20 साल की सजा सुनायी गयी थी. राजनाथ महतो की दो साल पहले ही मौत हो चुकी है. इस फैसले के खिलाफ बचे हुए दोषी उच्च न्यायालय में गए थे, जहां उम्र को देखते हुए सभी की सजा आधी कर दी गयी थी.

कोर्ट के आदेशानुसर 4 दिसम्बर को सभी दोषियों को सरेंडर करना था. परिजनों के अनुसार, धर्मपाल महतो मंगलवार रात से गायब थे. ज्यादा उम्र होने एवं 10 साल जेल में रहने के डर से धर्मपाल महतो ने खुदकुशी करना उचित समझा. चर्चा है कि कोर्ट के आदेश पर बचे हुए चार में से दो दोषियों ने बुधवार को सरेंडर कर दिया. दो अभी भी फरार हैं. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गयी है.

थाना प्रभारी राजू कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच-पड़ताल कर रही है. आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है.

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