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पटमदा सीएचसी के डॉक्टर पर लगा महिला सहयोगियों को प्रताड़ित करने का आरोप, जांच शुरू

स्थानीय होने के प्रभाव का इस्तेमाल कर पीएचसी के माहौल को खराब करने की शिकायत 

JAMSHEDPUR. आरबीएसके, सीएचसी पटमदा के चिकित्सा अधिकारी सीमेन कुमार दत्ता पर सहयोगी महिला चिकित्सकों को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया गया है. महिला डॉक्टर की शिकायत पर जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिये हैं. इसके बाद सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया हैं. टीम ने जांच शुरू कर दी है. जांच टीम में डॉ मनोरमा सिद्धेश, डॉ जोगेश्वर प्रसाद और डॉ कुमुदिनी सरदार शामिल हैं.

डॉक्टर सीमेन कुमार दत्ता पर आरोप है कि उनका आचरण महिला कर्मचारियों के प्रति लगातार अनुचित और उत्पीड़नकारी रहा है, जिससे एक प्रतिकूल और असुरक्षित कार्य का वातावरण सीएचसी में बन रहा है. इसे लेकर सीमेन कुमार दत्ता का स्थानांतरण किसी दूसरी जगह करने का अनुरोध उपायुक्त को भेजे पत्र में महिला डॉक्टर ने किया है.

डॉ जुझार मांझी, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम

शिकायत में बताया गया है कि डॉ दत्ता, पटमदा के स्थानीय निवासी होने के नाते, महिला कर्मचारियों को डराने और परेशान करने के लिए अपने स्थानीय प्रभाव का उपयोग कर रहे हैं. उनके कृत्यों से महिला कर्मचारियों के मनोबल और कार्य क्षमता के अलावा उनके सम्मान भी प्रभाव पड़ा है.महिला डाॅक्टर ने यह भी कहा है कि घटनाओं की संवेदनशीलता और महिला सहकर्मियों के आत्मसम्मान और गोपनीयता की रक्षा के लिए कुछ बातों का खुलासा करना संभव नहीं हो पा रहा है.

शिकायत में यह भी बताया गया है कि एक घटनाक्रम में ग्रामीणों ने आरबीएसके कार्य भ्रमण के दौरान कार्यस्थल पर एक महिला को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था. उस समय पैसे देकर किसी तरह मामले को रफा-दफा किया गया. डॉ दत्ता पर पीएचसी परिसर के भीतर एक कमरे पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाकर रखने का भी आरोप लगाया गया है. शिकायत में कहा गया है कि इससे अराजकता और असुविधा का माहौल पैदा हो गया है.

चिकित्सा पदाधिकारी सीमेन कुमार दत्ता पर अनैतिक रूप से विभाग द्वारा उपयोग किए जाने वाले किराए के वाहन (अरुण महतो) के मालिक से मासिक रूप से वसूली करने की बात भी कही गयी है. इसके अलावा उन पर सीएचसी पटमदा में कुछ लोगों के साथ मिलकर आधिकारिक खर्चों का दुरुपयोग की जांच करने का भी अनुरोध किया गया है.

महिला डॉक्टर ने पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन के अलावा स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों से भी की है. शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन जुझार मांझी ने जांच टीम गठित कर दी है जो विभिन्न आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही जा रही है.

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