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PM Speak to Media: मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, संसद में ‘प्रधानमंत्री का गला घोंटने’ का लगाया आरोप

New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर ‘नकारात्मक राजनीति’ करने और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए संसद का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया तथा कहा कि संसद किसी ‘‘दल के लिए नहीं बल्कि देश के लिए है. संसद सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मंगलवार को पेश होने वाला केंद्रीय बजट अगले पांच वर्षों में सरकार की यात्रा की दिशा तय करेगा और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि संसद के पिछले सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष ने ढाई घंटे तक देश के ‘प्रधानमंत्री का गला घोंटने’’ का प्रयास किया. मोदी ने कहा कि लोगों ने लोकसभा चुनाव में अपना फैसला दे दिया है और अब सभी राजनीतिक दलों को अगले पांच साल देश के लिए मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने यह अपील सभी दलों के सांसदों से की.

उन्होंने हाल में संपन्न आम चुनाव की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘गत जनवरी से लेकर (जून में आम चुनाव संपन्न होने तक) हम लोगों के पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़नी थी… लड़ ली, जनता को जो बात बतानी थी- बता दी. किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया. लेकिन अब वो (चुनाव प्रचार का) दौर समाप्त हुआ है, देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीतिक दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि…आने वाले पांच वर्ष के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है। एक और नेक बनकर जूझना है.’ प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से पार्टी लाइन से ऊपर उठने और अगले चार से साढ़े चार वर्षों तक संसद के मंच का उपयोग करने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, ‘जनवरी 2029 चुनाव का वर्ष होगा। आप उसके बाद जाइए मैदान में. सदन का भी उपयोग करना है, कर लीजिए. वह (आम चुनाव से पहले के) छह महीने, जो खेल खेलने हैं, खेल लीजिए. लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के गरीब, किसान, युवा और महिलाओं को सशक्त करने के लिए जनभागीदारी का एक जन आंदोलन खड़ा कर 2047 के सपने को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएं.’

मोदी ने कहा कि उन्हें बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 2014 के बाद कोई सांसद पांच वर्ष के लिए आया और कुछ को 10 साल के लिए मौका मिला लेकिन बहुत से सांसद ऐसे थे, जिनको अपने विचारों से संसद को समृद्ध करने का अवसर ही नहीं मिला. उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिये बिना कहा, ‘क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद के महत्वपूर्ण समय को एक प्रकार से अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढंकने के लिए दुरूपयोग किया है.’

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