Suwa. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को फ़िज़ी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी’ से सम्मानित किया गया. मुर्मू ने दोनों देशों के संबंधों की प्रशंसा की और कहा कि भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने को तैयार है. राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘फ़िज़ी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवालिली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी’ पुरस्कार प्रदान किया। यह फ़िज़ी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.’
फ़िज़ी की दो दिवसीय यात्रा पर आयीं मुर्मू ने इस सम्मान को भारत और फ़िज़ी के बीच ‘दोस्ती के गहरे संबंधों का प्रतिबिंब’’ बताया. यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस द्वीपसमूह राष्ट्र की पहली यात्रा है. राष्ट्रपति मुर्मू ने फ़िज़ी की संसद को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है, हम एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आपकी प्राथमिकताओं के अनुसार फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार हैं. आइए, हम अपने दोनों प्रिय देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आएं.’
उन्होंने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फ़िज़ी में जीवंत लोकतंत्र समेत काफी कुछ एक समान है। उन्होंने याद किया कि करीब 10 वर्ष पहले इसी हॉल में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल मूल्यों का जिक्र किया था जो भारत और फ़िज़ी को जोड़ते हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘इनमें हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता, हमारी नस्ल कि सभी मनुष्य समान हैं, तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता शामिल हैं। ये साझा मूल्य शाश्वत हैं तथा आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के अनुसार, फ़िज़ी की अपनी यात्रा के बाद, मुर्मू न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा करेंगी. मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति की तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा का उद्देश्य भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को आगे बढ़ाना है.