NEW DELHI. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2019-2020 से 2023-2024 तक भारतीय रेलवे नेटवर्क में 100 वंदे भारत सहित 772 ट्रेन सेवाएं शुरू की गई हैं. रेल मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि विभिन्न वर्गों के यात्रियों की यात्रा संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए, भारतीय रेलवे विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे एक्सप्रेस ट्रेनें, सुपरफास्ट ट्रेनें, पैसेंजर/मेमू/डेमू ट्रेनें और उपनगरीय सेवाएं शुरू करती है और उनका संचालन करती है. भाजपा सांसद नीरज शेखर ने उनसे 2024-25 के दौरान प्रस्तावित नयी ट्रेनों की संख्या और पिछले पांच वर्षों में शुरू की गई वंदे भारत, राजधानी और अन्य ट्रेनों जैसी नई ट्रेनों की वर्षवार और क्षेत्रवार जानकारी मांगी थी.
वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 की अवधि के दौरान, भारतीय रेलवे नेटवर्क पर 100 वंदे भारत ट्रेनों सहित 772 ट्रेन सेवाएं शुरू की गई हैं. भारतीय रेलवे पर ट्रेन सेवाओं की शुरूआत एक सतत प्रक्रिया है, जो यातायात औचित्य, परिचालन व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है.
29 जुलाई, 2024 तक, भारतीय रेलवे में 102 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रेलवे ने मौजूदा ट्रेनों को बदले बिना नयी वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया है. वैष्णव ने अन्नाद्रमुक सांसद सीवी षणमुगम के एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. वैष्णव ने कहा कि 29 जुलाई, 2024 तक, भारतीय रेलवे में 102 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं, जो ब्रॉड गेज (बी.जी.) विद्युतीकृत नेटवर्क वाले राज्यों को जोड़ती हैं। ये ट्रेनें वर्तमान में 760 किलोमीटर की दूरी तक संचालित की जा रही हैं. सीवी षणमुगम ने पूछा था कि क्या वंदे भारत ट्रेनें राजधानी और अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों की जगह लेंगी? रेल मंत्री ने कहा कि नयी वंदे भारत सेवाओं को, मौजूदा ट्रेन सेवाओं को बदले बिना शुरू किया गया है.
रेलवे ने मां की यात्रा आसान बनाने के लिए बेबी बर्थ का किया प्रयोग
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे ने शिशुओं के साथ माताओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए लखनऊ मेल में प्रायोगिक तौर पर दो बेबी बर्थ उपलब्ध कराए हैं. वैष्णव ने राज्यसभा को एक पूरक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि माताओं की अपने शिशुओं के साथ यात्रा को आसान बनाने के लिए, ट्रेन संख्या 12229/30 लखनऊ मेल के एक डिब्बे में दो निचली बर्थ के साथ दो बेबी बर्थ प्रायोगिक परीक्षण के आधार पर उपलब्ध कराई गई हैं. भाजपा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने पूछा था कि क्या सरकार ट्रेन के डिब्बों में बेबी बर्थ सीटें लगाने पर विचार कर रही है. वैष्णव ने कहा कि यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने इस प्रयास की सराहना की. हालांकि, इसकी वजह से सीट के नीचे सामान रखने की जगह और सीटों के बीच पैर रखने की जगह सीमित हो जाने के कारण यात्रियों को असुविधा हुई. उन्होंने कहा कि यात्री डिब्बों में सुधार और उन्नयन रेलवे की सतत प्रक्रिया है.