Ayodhya. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने राम जन्मभूमि में चल रहे निर्माण कार्यों की शनिवार को समीक्षा की. मिश्र ने एलएंडटी और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के अधिकारियों समेत मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी एक बैठक की. ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक विभिन्न लंबित निर्माण कार्यों के लिए संभावित समय सीमाएं तय की गई हैं.
मिश्र ने बताया कि हिंदू संतों के मंदिरों के बीच पुष्करी नाम से एक सरोवर निर्माणाधीन है. अगले वर्ष जून तक हिंदू संतों के छह मंदिरों का निर्माण, तालाब और एक किलोमीटर लंबे परकोटे का निर्माण पूरा हो जाएगा. तीन लाख घन फुट पत्थर परकोटा के निर्माण में लगाए जाने हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू संतों की प्रतिमाएं जयपुर में निर्माणाधीन हैं और इनका निरीक्षण जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा. इन मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा होने पर इन प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए अयोध्या लाया जाएगा.
इस बीच, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रवेश के लिए सभी चार दिशाओं में प्रस्तावित प्रवेश द्वारों का नाम इतिहास के प्रसिद्ध आचार्यों के नाम पर रखा जाएगा. ये नाम अभी तय किए जाने बाकी हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर के भीतर सड़कों पर कार्य पूरा करने के लिए रामनवमी से पूर्व, मार्च की समय सीमा तय की गई है.
निर्माण समिति के अध्यक्ष के साथ निर्माण एजेंसियों के जिम्मेदार लोगों के साथ इस बैठक में उपरोक्त सभी मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई. इसके अलावा 70 एकड़ के मंदिर परिसर का 40 एकड़ हिस्सा हरित क्षेत्र को समर्पित होगा. इसमें से 18 एकड़ की “हरितिका वीथि” मार्च तक तैयार हो जाएगी. सप्तऋषि मंदिर के पूरा होने पर इनके बीच एक खूबसूरत पुष्करिणी (फूलों से भरा तालाब) बनाया जाएगा. बैठक में मौजूद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनिल मिश्र ने उक्त जानकारी दी.