Mumbai. देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा नहीं रहे. मुंबई के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. बुधवार को उम्र संबंधी परेशानी के कारण उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी खराब हालत को देखकर उन्हें ICU भर्ती कर लिया गया था. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की है. इससे पहले सोमवार को भी उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबरें आई थीं. हालांकि बाद में उन्होंने खुद ही इस खबर को खारिज कर दिया था.
रतन टाटा ने खुद सोमवार को कहा था कि उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता का कोई कारण नहीं है. वह अस्पताल रेगुलर स्वास्थ्य जांच के लिए गये थे. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती होने की खबरों को अफवाह करार देते हुए कहा था कि ये दावे निराधार हैं. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. उन्हें पद्म विभूषण (2008) पद्म भूषण (2000) सम्मान से नवाजा गया था.
सालों तक संभाली टाटा ग्रुप में अहम जिम्मेदारी
1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे रतन टाटा 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं. वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे. रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे.रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया. उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया. विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा.