Mumbai. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार 10वीं बार नीतिगत ब्याज दरों (रेपो रेट) में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. उसने 6.5% पर कायम रखने का फैसला किया है. एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद बुधवार 9 अक्टूबर 2024 को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफल रही है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रुख को बदलकर तटस्थ करने का निर्णय किया.
बेहतर मानसून पर घटेगी खाद्य महंगाई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बेहतर मानसून, पर्याप्त बफर स्टॉक की वजह से इस साल आगे खाद्य महंगाई में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि लचीले मौद्रिक नीति ढांचे को आठ साल पूरे हो गए हैं. यह प्रमुख संरचनात्मक सुधार है. महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े अर्थव्यवस्था में मजबूत गतिविधियों के संकेत दे रहे हैं, बुनियाद मजबूत बनी हुई है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निवेश का हिस्सा 2012-13 से सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है.
आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर को यथावत रखने के पक्ष में 5:1 से फैसला किया है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. घरेलू मांग में सुधार, कच्चे माल की कम लागत और सरकारी नीतियों से विनिर्माण क्षेत्र में तेजी आ रही है. इसके साथ चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है.
होम लोन की ईएमआई में नहीं आएगी कमी
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की ओर से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है. समिति के छह सदस्यों में से पांच ने रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया.