New Delhi. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में बढ़ कर 6.21 प्रतिशत हो गयी, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी. मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ऐसा मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण हुआ है. इस तरह खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के ऊपर निकल गयी है. पिछले साल इसी महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति अक्तूबर में बढ़ कर 10.87 प्रतिशत हो गयी, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्तूबर में 6.61 प्रतिशत थी. सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में सब्जियों की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी आयी है. सब्जियों की महंगाई दर 42.18 प्रतिशत रही है, जो सितंबर में 35.99 प्रतिशत रही थी.
दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 2.97 प्रतिशत रही है. दालों की महंगाई में कमी आयी है और घट कर 7.43 प्रतिशत रही है, जो सितंबर में 9.81 प्रतिशत रही थी. अनाज और उससे जुड़े उत्पादों की महंगाई दर 6.94 प्रतिशत रही है जो सितंबर में 6.84 प्रतिशत रही थी. चीनी की महंगाई दर घटकर 2.57%, अंडों की 4.87% रही है. मीट और मछली की महंगाई दर बढ़कर 3.17% रही है.