जमशेदपुर : पोटका सीट को फिर से जीतने और दुबारा विधायक बनने के लिए संजीव सरदार जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को पूरी तरह से एक्टिवेट कर दिया है। गांव-टोला का दौरा करने से लेकर मतदाताओं को अपने पक्ष में बनाये रखने की कोशिश में वह दिन-रात एक किये हुए हैं।
पोटका में संथाल एवं भूमिज सरदार के अलावा ओबीसी वोटरों की संख्या भी अधिक है। संथाल वोटरों का झुकाव बेशक झामुमो की तरफ रहता है। भूमिज जाति के मतदाताओं का झुकाव भी अपनी जाति के उम्मीदवार की ओर होना लाजमी है, लेकिन इस सीट से जीत-हार ओबीसी वोटरों से तय होती है।
भाजपा ने इस बार भले ही मीरा मुंडा को टिकट दिया है, लेकिन कमान अर्जुन मुंडा ने संभाल रखी है। भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज दिख रहे नेता यथा पूर्व विधायक मेनका सरदार, मनोज सरदार, उपेंद्र नाथ उर्फ राजू सरदार, गणेश सरदार, होपना महाली को साधा जा चुका है लेकिन अंदरखाने विश्वासघात का खतरा बरकरार है।
इतना ही नहीं, झामुमो के विधायक रहे स्व अमूल्यों सरदार के घर जाकर उनके परिजन से भी अर्जुन मुंडा मिल चुके हैं लेकिन इसका कितना फायदा मिलेगा कहना मुश्किल है। संथाल समाज के कुछ प्रतिनिधि भी मीरा मुंडा के लिए समर्थन जुटाने के काम में लगे हैं लेकिन वे जानते है कि भविष्य में मुंडा जीती तो संथाल राजनीति गर्त में होगी। ओबीसी वोटरों का एकमुश्त वोट भाजपा के पक्ष में आ जाये, इसके लिए भी वे कोशिश में हैं।
झामुमो के एक कार्यकर्ता की मानें, तो खुद झामुमो प्रत्याशी संजीव सरदार भी मान रहे हैं कि इस बार उनका मुकाबला एक ‘पहाड़’ से है। पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी हैं। पत्नी को जिताने के लिए वह अपने तरकश से एक-एक करके तीर आजमाने लगे हैं और उसका असर दिखना शुरू भी हो चुका है लेकिन इस बात का भी भरोसा है है कि भाजपा के सिटी बेस्ड कैडर गांव में घुस नहीं पाएंगे।
संजीव सरदार को झामुमो के वोट बैंक, अपने द्वारा किये गये विकास कार्यों एवं समर्थकों पर भरपूर भरोसा है और दुबारा अपनी जीत के प्रति वह काफी हद तक आश्वस्त दिख रहे हैं।
कुमार मनीष,9852225588