ट्रिपल मर्डर केस के आरोपी संतोष थापा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण,अपराधी कोर्ट में सरेंडर कर दे रहे है प्रशासन को चुनौती?
प्रशासन भले ही अपनी पीठ थपथपाते रहे कि प्रशासनिक दबाव में अपराधी कोर्ट में सरेंडर कर दिए यह सत्य भी हो,परंतु उनकी विफलता भी है कि उन्हें बाहर रहते गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या पुलिसिया खुफिया तंत्र और पुलिस के मुखबिर फेल हो गए हैं? उन्हें बाहर में पुलिस प्रशासन क्यों नहीं पकड़ पाती। यह लोगों के बीच चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बना हुआ है ।
अपराधियों के कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद उन्हें रिमांड पर लेना पड़ता है। सतवाहनी में हुए ट्रिपल मर्डर केस के अभियुक्त अपराध कर्मी संतोष थापा द्वारा
आदित्यपुर थाना कांड संख्या 104 मे सरायकेला-खरसावां के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया गया। इस अपराध कर्मी संतोष थापा को बाहर मे पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा जाल बिछा कर घेराबंदी किया गया था । जो घेराबंदी को तोड़कर अपराधी कोर्ट में सरेंडर कर देते हैं। जिसको लेकर पुलिसिया मुखबिर और खुफिया तंत्र पर तरह-तरह के लोग कमेंट करने लगे हैं।
आदित्यपुर के चर्चित कन्हैया सिंह के हत्या के मामले में पूर्व में भी 2 सूटर छोटू दिग्गी उर्फ डिक्की और रवि सरदार द्वारा सरायकेला खरसावां सीजीएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किए गए थे । अपराधियों द्वारा कोर्ट में समर्पण किए जाने से पुलिस की सफलता है या विफलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व में भी आकाश गोप के हत्यारों ने कोर्ट में सरेंडर कर पुलिस को चुनौती दिया था।आकाश गोप के हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस दिन रात दावे करती रही ।पकड़ लिए जाएंगे अकाश गोप के हत्यारे ,चारों तरफ घेराबंदी और छापेमारी करती रही परंतु पुलिस की घेराबंदी घेराबंदी ही रह गई और आकाश गोप के हत्यारे ओम सरदार रजनीकांत बेहरा और आशीष कुमार दीप ने भी कोर्ट में सिलेंडर कर दिया था।
आज संतोष थापा द्वारा भी सीजीएम कोर्ट में सरेंडर कर प्रशासन को खुलेआम चुनौती दी हैं।
लोगों का मानना है कि अपराधियों को कोर्ट में सरेंडर करना पुलिस की विफलता को साफ साफ-दर्शाता है ।माझी टोला शिरीष भट्टा के पास 12 जून की शाम जुआ खेलने के दौरान सालड़ीह निवासी आकाश गोप को गोली मार घायल किया गया था ।जहां 23 जून को इलाज के क्रम में रांची स्थित रिम्स में उसकी मौत हो गई थी ।पुलिस द्वारा उस वक्त भी बड़े दावे करते हुए तीन अपराध कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही गई थी,लेकिन अभी तक पुलिस ने इन अपराधियों को नहीं पकड़ पाया है,और वे भी कोर्ट में सरेंडर कर दिए थे। हत्यारों को गिरफ्तारी के लिए पुलिस घेराबंदी करती रही और अपराधियों ने कोर्ट में सरेंडर कर खुलेआम पुलिस प्रशासन को चुनौती देते रहे है। वही स्थानीय पुलिस प्रशासन अब उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी
ए के मिश्र