सरायकेला-खरसावां जिले के टास्क फोर्स पर प्रश्न चिन्ह? जिला खनन विभाग, पुलिस विभाग एवं बिचौलियों के सांठगांठ के फल स्वरुप तमाड़-बुंडू एवं चौका -इचागढ़ के रास्ते अवैध रूप से निकासी किए गए बालू का धड़ल्ले से हो रहा है पूर्वी सिंहभूम में प्रवेश ?
सरायकेला-खरसावां जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में बीते दिनों जिला मुख्यालय सभागार में अवैध बालू रोकने के लिए जिला माइनिंग की बैठक कर टास्क फोर्स का गठन किया गयाl बैठक में पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला माइनिंग पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भी उपस्थित रहेl बैठक में उपायुक्त द्वारा अवैध खनन, ओवरलोडिंग ,स्टॉक यार्ड क्षमता से अधिक स्टॉक करने वाले के विरुद्ध जांच अभियान चलाने एवं वाहनों के कागजात के साथ-साथ जीपीएस टैगिंग का जांच करने का निर्देश दिया गया ,साथ ही कांड्रा-चौका चौराहे पर तीन शिफ्ट में जवान एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति में जांच अभियान चलाने के आदेश दिया गयाl स्थानीय लोगों की माने तो आदेश के बावजूद भी करवाई ढाक के तीन पात दिख रही हैl तमाड़- बुंडू एवं चौका- इचागढ़ से हाईवा महान द्वारा दोमुहानी सपड़ा होते हुए अवैध बालू आदित्यपुर, गम्हरिया एवं जमशेदपुर पहुंच रहा हैंl वही सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त के लिए खनन पर अंकुश लगाना चुनौती बना हुआ हैlसरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के विभिन्न बालू घाटों से क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है। गौरी ,सपड़ा ,दोमुहानी , कुलूपटांगा, आदित्यपुर जयप्रकाश उद्यान, सालडीह बस्ती इचागढ़ ,जारगो, तिरूल्डीह ,चांडिल ,शहर बेड़ा, सरायकेला मजना घाट, आरआईटी, असंगी सहित विभिन्न घाटों से बालू का अवैध खनन जारी है। पूर्व में थाना- प्रेस को मैनेज करने के नाम पर आपस में बालू माफियाओं में वसूली की जा रही थी जिसमें दो फाड़ हो गए थे, और मामला गंभीर बन गया था। जिसका समाचार प्रकाशित होने के बाद जिले के तत्कालीन उपायुक्त द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया था। अनुमंडल पदाधिकारी, एसडीपीओ और डीएमओ को संयुक्त रूप से अवैध बालू पर रोक लगाने हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया था। कुछ दिनों तो उपायुक्त के आदेश पर छापामारी होती रही,लेकिन उपायुक्त के अवकाश प्राप्त होते ही जिले के बालू माफिया बेलगाम से बालू खनन कर रहे हैं l वर्तमान उपायुक्त द्वारा भी टास्क फोर्स का गठन किया गया है परंतु कहीं असर उसका दिख नहीं रहा है ।बालू माफिया बेधड़क खुलेआम अवैध रूप से बालू का उत्खनन एवं उनका स्टॉक कर रहे हैंl प्राप्त जानकारी के अनुसार बालू माफियाओं द्वारा एक व्यक्ति को प्रेस और थाना के मैनेज करने के लिए अधिकृत किया गया है ,व्यक्ति कौन है जो प्रेस और थाना को मैनेज करने का काम कर रहा हैै? यह प्रश्न आज चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है lकभी-कभी ऐसे कारोबार के संरक्षक पकड़ गए वाहनों को छुड़वाते देखे गए हैं lसूत्र बताते हैं कि उनके द्वारा प्रेस और पुलिस के नाम पर लगभग प्रति हाईवा से 22,000 प्रतिमाह, ₹6000 प्रतिमाह प्रति ट्रैक्टर से वसूली की जा रही है ,और 407 से ₹8000 प्रति माह वसूली जा रही है। तमाड़ बुंडू से खुलेआम हाईवे से अवैध बालू खनन कर दिन के उजाले में पहुंच रहे हैं जो कई थाना क्षेत्र पार करके आते हैं l बीते दिनों झारखंड के एक विधायक ने खुलेआम कहा कि जिन थाना क्षेत्रों से बालू की गाड़ियां गुजरती हैl उन थाना को एक मोटी रकम दी जाती है lजिसके एवज में बालू माफिया बेधड़क बालू का कारोबार करते हैं l संवाददाता ने मुख्य सचिव से पूरे प्रकरण पर संपर्क करने की कोशिश की मगर संपर्क नहीं हुआ । वही राज्य के एक वरीय पदाधिकारी ने इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने की बातें कहींl प्राप्त जानकारी के अनुसार बालू माफियाओं द्वारा भी 15 जनवरी के बाद बालू की रेट बढ़ाए जाने की चर्चाएं चल रही हैl
देखनाअब यह है कि प्रशासन ,बालू माफियाओं पर अंकुश लगाकर जनता के सारे आरोप को खारिज कर पाती है अथवा नहीं?
एके मिश्र