
New Delhi.वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प और चुनिंदा उद्योगों में मांग बढ़ने से इस साल चांदी ने रिटर्न के मामले में परंपरागत निवेश विकल्प सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है. स्थिति यह हो गयी है कि सोने ने जहां करीब 74 प्रतिशत रिटर्न दिया है वहां चांदी 139 प्रतिशत से भी अधिक चढ़ी है. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, दिल्ली में चांदी की कीमत सोमवार को 10,400 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ कर 2,14,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के अब तक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गयी. चांदी की कीमत 31 दिसंबर, 2024 को 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इस तरह चांदी में 1,24,800 रुपये यानी 139.1 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है.
सोने और चांदी की कीमतों के अनुपात में तीव्र गिरावट है और इसका मतलब है कि चांदी की कीमत सोने की कीमतों से अधिक तेजी से बढ़ रही हैं. यह संकेत देता है कि सोने के मुकाबले चांदी के मूल्य में वृद्धि हो रही है और यह निवेश का बेहतर अवसर प्रदान करती है.

चांदी की कीमत में तेजी के प्रमुख कारण
– औद्योगिक मांग में लगातार तेजी, एआइ, इवी व स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में बढ़ी मांग
– चांदी की आपूर्ति में लगातार पांचवें साल कमी
– इस वर्ष डॉलर के मुकाबले रुपये के पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट
– निवेशकों का एक हिस्सा सरकारी बॉन्ड एवं मुद्राओं के मुकाबले वैकल्पिक निवेश उत्पादों में निवेश कर रहा है, जिससे सफेद धातु में निवेश की मांग बढ़ी है
सोने ने दिया है केवल 74% का रिटर्न
अगर रिटर्न की बात की जाये तो इस साल सोना ने 19 दिसंबर तक लगभग 75 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. 31 दिसंबर 2024 को सोने की कीमत 78950 रुपये प्रति 10 ग्राम था. इस साल अब तक सोने की कीमत में 59,250 रुपये की तेजी आ चुकी है. यानी सोने से अब तक 75 प्रतिशत का रिटर्न मिला है. इक्विटी बाजार के मामले में निफ्टी 50 और निफ्टी 500 सूचकांक ने क्रमशः 7.0 प्रतिशत और 5.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया.



