Jamshedpur. नये साल में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया को दो सूर्यग्रहणों और दो चंद्रग्रहणों के रोमांचक दृश्य दिखायेगी. उज्जैन की प्रतिष्ठित वेधशाला का यह पूर्वानुमान है कि भारत में इनमें से केवल एक ग्रहण ही निहारा जा सकेगा. ग्रहणों का सिलसिला 14 मार्च को दिन में लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा. यह भारत में नहीं देखा जा सकेगा, यह दिन के समय होगा. 29 मार्च को आंशिक सूर्यग्रहण होगा. इसे भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, संपूर्ण यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा, लेकिन सात और आठ सितंबर के बीच लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में देखा जा सकेगा.
यह ग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ ही यूरोप, अंटाकर्टिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा. 2025 का अंतिम ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में 21 और 22 सितंबर के बीच लगेगा. यह खगोलीय घटना भारत में देखी नहीं जा सकेगी. यह न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिम अंटार्कटिका में नजर आयेगा. वर्ष 2024 उपच्छाया चंद्रग्रहण, पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण की चार खगोलीय घटनाओं का गवाह बना था.