टाटा के जहरीले हवा बढ़ा सकती है करोना रोगी ? जहरीले हवा जैसे जनहित के मुद्दे पर जमशेदपुर निवासी सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा,रघुवर दास, मंत्री बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, पूर्व मंत्री सह वर्तमान विधायक सरयू राय, सांसद विद्युत महतो, विधायक रामदास सोरेन एवं अन्य राजनेता मौन क्यों ? हेमंत सरकार करा पायेगी टाटा के प्रदूषण की जांच! झारखंड की राजधानी भले ही रांची में हो, जमशेदपुर के राजनीतिज्ञ झारखंड की राजनीति में गहरा प्रभाव रखते हैं l इस कारण जमशेदपुर के कई राजनीतिज्ञ झारखंड सरकार मे मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष तक बने एवं कई राजनेता cabinet मंत्री बने , पर जमशेदपुर वासियों का दुर्भाग्य है कि अधिकांश राजनेता ने बारी-बारी से जमशेदपुर वासियों के सपनों को बिखेरने का कार्य किया हैlआज जमशेदपुर एवं आसपास के कारखाने जहरीले धुआं एवं दिनदहाड़े छोड़ रहे हैं l रक्षक, भक्षक बन जाने के कारण जनहित के इस मुद्दे पर कोई आवाज नहीं उठा पा रहा है जिसका लाभ यहां के कल कारखाना प्रबंधक एवं प्रदूषण विभाग के अधिकारी उठा रहे हैं l जमशेदपुर वासियों की माने तो यहां के कल-कारखानों में नाम मात्र के प्रदूषण नियंत्रण मशीन लगे हुए हैं पर जांच की जाए तो यह बात सामने आ सकती है कि मशीन या तो काम नहीं करते हैं या फिर कास्ट कंट्रोल के नाम पर कंपनी प्रबंधन बीच-बीच में अधिकारियों के साथ सांठगांठ बैठाकर मशीन को बंद कर देते है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में धूल कण की बारिश होती महसूस की जाती है l जमशेदपुर के बर्मामाइंस बाजार क्षेत्र जहां के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं वर्तमान में सरयू राय हैं ,उक्त बर्मामाइंस बाजार क्षेत्र में अगर कोई व्यक्ति गुजरता है तो मानो उसके शरीर एवं आंखों पर धूल कण की बारिश होती है l हालांकि सरकारी अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि महंगी-महंगी एसी वाहन से गुजरते हैं जिसके कारण उनके वाहन का शीशा बंद रहता है , इस कारण संभवत उन्हें धूल कल की बारिश का दंश झेलना नहीं पड़ता हैl हमारे देश के सर्वोच्च संस्थानों ,विशेषज्ञ चिकित्सा कर्मी और पर्यावरण विदों का मानना है कि जमशेदपुर समेत किसी भी अन्य जगहों पर प्रदूषण बढ़ने से करोना की रफ्तार दुगनी हो सकती है l कल कारखाने ,सड़क परिवहन प्रदूषण के बड़े कारण बताए जाते हैं l डॉक्टरों का मानना है कि समय रहते प्रदूषण से बचने के कारगर कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है या यूं कहें कि उनका मानना है कि करोना से मौत दुगनी भी हो सकती हैl विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, ऐसे में जमशेदपुर या अन्य जगहों पर प्रदूषण को नहीं रोका गया तो करोना कहीं अधिक घातक साबित हो सकता है l विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषित क्षेत्रों के लोगों को हाई ब्लड प्रेशर एवं सांस एवं अस्थमा की काफी संभावना रहती है, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि प्रदूषण बढ़ने पर p.m10 और पी.एम 2.5 जैसे कण सांस के जरिए फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं ,इस वजह से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा मरीज बढ़ जाते हैं l पी.एम 2.5 या उससे छोटे कण धमनियों में भी प्रवेश कर जाते हैं, इस वजह से ब्लॉकेज होने पर हार्ट अटैक हो सकता हैl अब देखना है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनकी सरकार सर्दी आने के पूर्व अपने अधिकारियों पर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने की जिम्मेदारी सौंपते हैं अथवा नहीं! विशेषज्ञों की माने तो सर्दी के मौसम में करोना वायरस किसी स्तर पर कहीं अधिक समय तक जीवित रह सकता है ,इससे संक्रमण की दर बढ़ने का खतरा भी पहले से काफी अधिक रहेगा l
टाटा के जहरीले हवा जैसे जनहित के मुद्दे पर झारखंड सरकार खामोश क्यों?
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