जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों का एलटीसी समझौता के भी लटकने के आसार हैं. टाटा वर्कर्स यूनियन ने इसके लिए बकायदा पत्र प्रबंधन को दिया लेकिन अब तक उस स्तर पर कोई पहल शुरु नहीं की गई है. उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील के कर्मचारियों का एलटीसी समझौता एक जनवरी 2024 से लंबित है. कर्मचारियों को दो साल के खंड में एक बार एलटीसी (लीव ट्रेवल कंसेशन) का प्रावधान है. वर्तमान एलटीसी के लिए निर्धारित दो वर्षों के एक खंड का एक वर्ष बीतने को है, लेकिन अभी भी समझौते की कोई संभावना नहीं दिख रही है.
सूत्रों का कहना है कि टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने एलटीसी पर वार्ता शुरु कर समझौता करने के लिए पत्र दिया है, लेकिन प्रबंधन की ओर से यूनियन को बुलावा नहीं आया है. कंपनी चीन की डंपिंग नीति के कारण चुनौतियों से निपटने की तैयारियों में जुटी है. इसे लेकर प्रबंधन ने पहले ही कई सुविधाओं में कटौती की घोषणा कर दी है. मैनपावर भी कम किया जा रहा है. मार्च 2026 तक ऐसे किसी समझौते से कंपनी परहेज कर सकती है जिससे कंपनी पर वित्तीय भार बढ़े.
इसलिए वर्तमान परिस्थितियेां में एलटीसी समझौता लटकने की आशंका यूनियन नेता भी जताने लगे हैं. यूनियन अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने मीडिया से कहा कि यूनियन ने इस मुद्दे पर वार्ता के लिए प्रबंधन को पत्र लिख चुकी है. यूनियन को प्रबंधन से वार्ता के लिए आमंत्रित करने का इंतजार है. यह माना जा रहा है कि चीन की चुनौतियों के चलते अभी प्रबंधन समझौता करने से बच रहा है, ताकि कंपनी पर अतिरिक्त खर्च का बोझ नहीं पड़ सके.
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