Bhubaneswar. ओडिशा में आज नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ जिसमें मोहन चरण माझी ने मुख्यमंत्री के पद पर और कनक वर्धन सिंहदेव और प्रभाती परिदा ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली. दोनों ही उपमुख्यमंत्रियों के पास एक-दूसरे के विपरीत राजनीतिक अनुभव है. के वी सिंह जहां छह बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं, वहीं प्रभाती परिदा पहली बार विधायक बनी हैं.
पटनागढ़ के पूर्ववर्ती शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले देव ने पटनागढ़ विधानसभा सीट से लगातार छठी बार जीत हासिल की है. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- बीजू जनता दल (बीजद) गठबंधन सरकार (2000-2009) के दौरान भारी एवं लोक उद्यम मंत्री के पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं.
सिंहदेव की पत्नी संगीता कुमारी देवी भी बोलांगीर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रही हैं. के.वी. सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. उनके दादा आर.एन सिंह देव 1966 से 1971 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे.
पटनागढ़ के विधायक के बिल्कुल उलट प्रभाती परिदा को लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अंतत: वह हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार निमापारा सीट से विधायक चुनी गईं. उन्होंने 1995 में उत्कल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी साल उन्होंने उड़ीसा उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के तौर पर काम शुरू किया. इसके अलावा परिदा ने 2005 में विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की.
सिंह देव ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की नयी सरकार ओडिशा को देश का नंबर एक राज्य बनाने की दिशा में काम करेगी. प्रभाती परिदा ने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे राज्य की सेवा करने का मौका दिया. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादों को जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाए.” ओडिशा में भाजपा ने 147 विधानसभा सीटों में से 78 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की और नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद की 24 साल पुरानी सरकार को बेदखल कर दिया.