Jamshedpur: बिष्टुपुर गोपाल मैदान में शुक्रवार को आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के लेाग एकजुट हुए. कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ यूएनओ व आदिवासी छात्र एकता का झंडा फहराकर किया गया. आदिवासी छात्र एकता के मुख्य संरक्षक जोसाई मार्डी ने कहा कि विकास की दौड़ में झारखंड राज्य काफी पिछड़ा हुआ है. अलग राज्य बनने से यहां रहने वाले लोगों की स्थिति सुधारनी चाहिए थी, लेकिन हालत सुधरने की बजाए और लेकिन अब जल, जंगल, जमीन की लूट नहीं होने दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर उजाड़ने की साजिश को किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जायेगा. आदिवासियों के विकास पैमाना आदिवासी ही तैयार करेंगे. थाेपा हुआ विकास का रोड मैप स्वीकार नहीं है. कार्यक्रम को आदिवासी छात्र एकता के संयोजक इंद्र हेंब्रम, हेमेंद्र हांसदा, सपन सरदार, गुरूचरण सोरेन, दुलाल हांसदा समेत अन्य भी संबोधित किया.
समारोह में ये प्रस्ताव हुए पारित: स्थानीय नीति व नियोजन नीति जल्द से जल्द तय हो. संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुच्छेद 244 (1) में वर्णित प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाये. पेसा कानून, सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट व समता जजमेंट-1997 का सख्ती से पालन हो. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित हो. आदिवासियों को सरना कॉलम कोड देकर संवैधानिक पहचान दिया जाये. हो, मुंडारी व भूमिज भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाये समेत अन्य प्रस्ताव पारित किये गये.