स्वास्थ्य मंत्री एवं उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम के लिए बना जांच का विषय , जिस सेनापति को आधा किलोमीटर दौड़ा-दौड़ा कर पुलिस ने किया गिरफ्तार तो अब वह बीमार कैसा ? एमजीएम प्रबंधन द्वारा सेनापति को नेचुरल वेंटीलशन के बजाय बिजली के पंखे युक्त वार्ड में रखना कानूनन जायज है या नाजायज ?
रामा कृष्णा फोर्जिंग कंपनी के अधिकारी सेनापति अपनी गिरफ्तारी के बाद अब तक लगभग 13 दिन से एमजीएम अस्पताल में इलाज करा रहे हैं l लोगों की माने तो सेनापति को 5 मई को उड़ीसा से आसानी से नहीं बल्कि लगभग आधा किलो मीटर दौड़ा-दौड़ा कर गिरफ्तार किया गया था l गिरफ्तारी के वक्त वह बिल्कुल स्वस्थ था पर संभवत जेल जाने के भय से अपनी बीमारी का ताना-बाना बुन एवं अपने पूर्व सहयोगियों का साथ पाकर बीमारी के नाम पर एमजीएम अस्पताल के एक बंद कमरे में इलाज करवा रहा हैंlएमजीएम अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मी किसी भी व्यक्ति से सेनापति को ना मिलने देने का बहाना बनाकर रूम को बंद कर लेते हैं ,इससे यह भी नहीं पता चल पाता है कि वास्तव में गिरफ्तार सेनापति एमजीएम अस्पताल में है अथवा कहीं और आराम कर रहे ?
एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक, सरायकेला-खरसावां जिले के साथ-साथ एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक के पद पर भी डेपुटेशन पर है l एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक एवं उपाधीक्षक सेनापति के इलाज के संदर्भ में कुछ भी बताने से इनकार करते हैं l संवादाता द्वारा जब एमजीएम अधीक्षक एवं उपाधीक्षक से उनके मोबाइल पर फोन कर पूछा गया कि गिरफ्तार सेनापति को किस अधिकार से बिजली के पंखा युक्त वार्ड में रखा गया है जबकि गिरफ्तार सेनापति को नेचुरल वेंटीलेशन युक्त वार्ड में रखा जाना चाहिए था ? इस संबंध में उपाधीक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया एवं अधीक्षक ने अस्पताल आकर जानकारी लेने को कहा l
पुलिस के एक रिटायर्ड वरीय अधिकारी का कहना है कि गिरफ्तार व्यक्ति को नेचुरल वेंटीलेशन युक्त वार्ड में रखा जाना चाहिए ना कि बिजली के पंखे युक्त वार्ड में रखना चाहिए l उनका मानना है कि बिजली के पंखे युक्त वार्ड में गिरफ्तार व्यक्ति को इसलिए नहीं रखना चाहिए कि वह कहीं वह परेशान होकर आत्महत्या जैसा घटना को अंजाम न दे दे l
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग उपरोक्त मामला की बिंदुवार जांच करानी चाहिए कि वास्तव में सेनापति बीमार है अथवा जेल जाने के भय से बाहर बाहर बेल कराने तक एमजीएम अस्पताल में रहने का प्रयास कर रहे हैं l इस पूरे मामले में एमजीएम अस्पताल की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है l