साक्ची,बिष्टुपुर जैसे मुख्य बाजार में सैरात की जमीन पर महज 25 से ₹250 किराया चुकाने वाले दुकानदारों को जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा कई गुना ज्यादा किराया का बिल भेजना रास नहीं आ रहा है l
वहीं दूसरी ओर साधारण जनता का मानना है कि पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी-धालभूम एवं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी का यह फैसला सराहनीय एवं जनहित में है l लोगों का मानना है कि साक्ची- बिष्टुपुर जैसे इलाके में जहां दो पहिया वाहन चालकों को महीने में ₹300 एवं चार पहिया वाहनों को महीने में ₹600 पार्किंग के चुकाने पड़ते हैं, साक्ची – बिष्टुपुर बाजार के फुटपाथ दुकानदारों द्वारा अवैध वसूली के क्रम में ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से 4×4 जगह के लिए ₹3000 प्रतिमाह अवैध रूप से चुकाए जाते हैं, वही महज 25 से ₹250 में दुकान मिलना आश्चर्यजनक हैl लोगों का कहना है कि सैरात की दुकानों का कई दुकानदारों ने शर्तों का उल्लंघन कर अवैध रूप से लंबाई, चौड़ाई एवं ऊंचाई बढ़ाकर “माल महाराज का, मिर्जा खेले होली” की तर्ज पर व्यापार किया जा रहा है l नाम ना छापने की शर्त पर कुछ दुकानदारों ने बताया की सैरात की शर्तों का उल्लंघन कर अधिकांश दुकानदार 10×10 आकार के दुकान को लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए में तथा बड़े आकार के दुकान को लगभग 20 करोड़ में तीसरे व्यक्ति को बेच चुके हैं, इसके अलावा यहां के कई दुकानदार 25 से ₹250 किराया वाले दुकान को 15,000 से 2.5 लाख रुपए महीने पर किराए में लगाए हुए हैं l कई दुकानदारों ने आवंटित क्षेत्रफल के लगभग 2.5 से 3 गुना आकार बड़ा कर व्यापार किया जा रहा है एवं किराए पर दे रखा गया है, जो जिला प्रशासन एवं आयकर विभाग के लिए जांच का विषय है l
जिला प्रशासन द्वारा इमानदारी पूर्वक जांच कराई जाए तो सैरात की दुकान पर चल रहे अधिकांश दुकान सैरात की शर्तों का उल्लंघन में फंस सकते हैं l
शहर के विभिन्न राजनीतिक दल के नेता इस मुद्दे पर दुकानदारों के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं,उन लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन एवं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के द्वारा एकमुश्त लगभग 700 गुना किराया वृद्धि गलत है l
कुमार मनीष, 9852225588