अंग्रेज शासक बड़ी दूरदर्शी और अपने देश के प्रति समर्पित थेlदो सौ साल राज किया लेकिन कहीं कोई मन्दिर-मस्जिद नहीं तोडा, वे जानते थे कि आज न कल देश आज़ाद होगा जो हम तोडैगे आजादी के बाद वे लोग बनवा लेंगे इसलिए उन लोगों ने सोचा कि भारत पर ऐसा छाप छोडो कि भारत हमेशा हमारा गुलाम रहे,इसलिए डॉ मैकले ने 1880ई0 में अंग्रेजी शिक्षा की बीज बोई जो आज वृक्ष बनकर पूरे भारत में फल रहा है l
दूसरी बात कि मै भेलोर में आकर देखा यहां भी अंग्रेजों ने 1880 ई0 में एक अस्पताल खो्ला,जिसमें सैकड़ों बिघा जमिन एक्वायर किया हैl सस्ते दर पर पानी-बिजली भारत का अधिकांश डाक्टर बिदेशी भारत के हर हिस्से से करीब दस हजार नये रोगी प्रतिदिन यहां आते हैं और करोड़ों करोड रूपए यहा से बिदेश जाता है और उससे आश्चर्य की बात है कि जब किसी रोग के बिसेशज्ञ को बाहर से भारत बुलाना पड़ता है तो वह डॉक्टर भारत का होता है l
अपने ही देश के डाक्टर के लिए भारत सरकार को लाखों-लाख रुपए देना पड़ता है l आज हजारों-हजार लोग भारत के पैसे से पढ-लिखकर अपने देश का नहीं ,बिदशो की सेवा करते हैं l इसके तरफ सरकार और राजनेताओं का ध्यान नही जा रहा है l
अटल बिहारी वाजपेई जी ने कहा था कि देश की जनता को शिक्षा,स्वास्थ्य और न्याय तीनों मुफ्त चाहिए लेकिन आज देश में यही सबसे महंगा है इसलिए देश के लोग इस पर गहराई से सोचे क्योंकि राजनेताओं को सिर्फ राज चाहिए जनहित नहीं l
✒️शिव पुजन सिंह, केन्द्रीय अध्यक्ष, सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति, जमशेदपुर l