समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग, पूर्वी सिंहभूम के सी. डी. पी.ओ एवं महिला पर्यवेक्षिका का एक दिवसीय प्रक्षिक्षण कार्यक्रम लिंग आधारित हिंसा पर किया गया। प्रक्षिक्षण का संचालन ममता (MAMTA- हेल्थ इंस्टिट्यूट फ़ॉर मदर & चाइल्ड) संस्था द्वारा किया गया । USAID समर्थित, Engender Health के सहयोग से इंटेग्रेटेड जेंडर कोविड रिस्पांस कार्यक्रम का संचालन जिले में किया जा रहा है। सत्र की शुरुआत लिंग आधारित हिंसा के विभिन्न पहलुओं से हुआ।
प्रशिक्षण का उदघाटन , श्रीमती सत्या ठाकुर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी , पूर्वी सिंहभूम, MAMTA- Health institute for mother and child संस्था की राज्य परियोजना प्रबंधक राजेश रंजन द्वारा किया गया।
घरेलू हिंसा के सत्र प्रक्षिक्षण में District Legal Services Authority (DLSA) की प्रतिनिधि योगिता कुमारी, एवं सुगी मुर्मू उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ममता के जिला परियोजना प्रबंधक मुकेश तिवारी ने किया। रतीश मांझी ने मौके पर बताया कि निर्भया कांड के बाद भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना “सखी वन स्टॉप सेन्टर” सभी जिलों में संचालित है, जहां एक ही छत के नीचे महिला पीड़िता को प्रमुख पांच प्रकार की सहायता मिलती है। पांच दिन की आश्रय , चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक परामर्श, विधिक एवं कानूनी सहायता मिलती है।
प्रशिक्षण में मुख्य रूप से जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, पटमदा, पोटका, गोलमुरी-सह-जुगसलाई , घाटशिला, सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं डिस्ट्रिक्ट लीगल services authority के प्रतिनिधि, राज्य परियोजना प्रबंधक ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड एवं रतीश मांझी, राज्य परियोजना प्रबंधक, इंजेंडर हेल्थ उपस्थित थे ।