ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के तापस चाटोराज का कहना है कि सेफ्टी कैटेगरी के बेहद जरूरी पदों पर नियुक्ति होने से तथा लोको पायलट और सहायक लोको पायलटो की संख्या बढाने से रेल दुर्घटना में कमी आ सकती हैं l
रिक्त पदों पर बहाली से लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट को पर्याप्त आराम मिलने से लोको पायलट पूरी क्षमता के साथ काम कर सकेंगे l
दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में सेफ्टी कैटेगरी के तहत लोको पायलट और सहायक सहायक लोको पायलट के 1308 पद वर्षो से रिक्त है l रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही हैl वही पैसेंजर ट्रेन की संख्या और मालगाड़ियों से ढुलाई लगातार बढ़ रही है , इस कारण लोको पायलट और सहायक लोको पायलट 8 घंटे के बजाय लगभग 10 से 12 घंटे तक लगातार काम कर रहे हैंl
संभवत:नींद पूरा नहीं होने और मानसिक दबाव के कारण सिग्नल ओवर शूंटिंग,ओवर स्पीडिंग समेत कई गलतियां लोको पायलट से हो रही है ! जिस पर रेल मंत्रालय को गहराई से विचार किया जाना चाहिए तथा शीघ्र सुधार करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की अप्रिय घटना ना हो पाए l
वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पारस कुमार का कहना है कि जब तक विभाग, रेलवे लोको पायलट और सहायक लोको पायलटो के रिक्त पदों को नहीं भरेगा एवं लोको पायलटो से 8 घंटे के ड्यूटी के बजाय लगभग 10 से 15 घंटे ड्यूटी लिए जाएंगे तो समस्या बनी रहेगीl
अब देखना है कि मोदी कैबिनेट के रेल मंत्रालय इन पर यथाशीघ्र कोई सकारात्मक निर्णय ले पाते हैं अथवा अप्रिय घटना पर लोको पायलटो पर पुन:दोष मढ़ा जाएगा ?
Kumar Manish,9852225588