- खंडपीठ ने कहा – बांग्लादेशी घुसपैठिये घुसपैठियों की पहचान कर राज्य सरकार को उन्हें वापस भेजना होगा
- खंडपीठ ने छह जिलों के उपायुक्तों को दो सप्ताह के अंदर की गयी कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया
रांची . झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा व अन्य इलाके में अवैध प्रवासियों (बांग्लादेशी घुसपैठिये) के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने पक्ष सुनने के बाद मौखिक रूप से कहा कि विदेशी घुसपैठ किसी राज्य का नहीं, बल्कि देश का मुद्दा है. विदेशी घुसपैठियों का भारत में प्रवेश हर हाल में रोकना होगा. खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिये झारखंड की जमीन पर रह रहे हैं. राज्य सरकार को घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजना होगा.
अब 18 जुलाई को सुनवाई
खंडपीठ ने संबंधित जिलों के डीसी को दो सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की.
उपायुक्तों को घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश
खंडपीठ ने जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका व देवघर के डीसी को निर्देश दिया कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई करें. झारखंड में घुसपैठियों के प्रवेश पर पूर्णत: रोक लगाने की दिशा में भी कदम उठायें. इस संबंध में की गयी कार्रवाई पर स्वयं निगरानी रखें.