Kolkata. पश्चिम बंगाल के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने कहा कि राज्य में आलू व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल बुधवार को खत्म हो गई और आलू 25 जुलाई से बाजारों में उपलब्ध होंगे. अन्य राज्यों में आलू निर्यात करने में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से होने वाले कथित उत्पीड़न के विरोध में 21 जुलाई को हड़ताल शुरू हुई थी.
पश्चिम बंगाल सरकार ने हड़ताल के प्रभाव को कम करने के लिए बुधवार को दिन में सस्ती कीमतों पर आलू बेचने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की मदद लेने का निर्णय लिया था. हालांकि, हड़ताल खत्म होने के बाद आपूर्ति सामान्य होने पर इस उपाय को सख्ती से लागू नहीं किया जा सकेगा. मन्ना ने कहा, “आलू व्यापारियों की हड़ताल खत्म हो गई है और उन्होंने सरकार को अन्य राज्यों में निर्यात करने से पहले स्थानीय बाजार में आलू की कीमतें कम करने में मदद करने का आश्वासन दिया है.”
इससे पहले मन्ना ने कहा था कि व्यापारियों की हड़ताल के कारण आलू की आपूर्ति बाधित न हो, इसलिए स्वयं सहायता समूहों की मदद लेने का निर्णय लिया गया है और सरकार पिछले कुछ दिन से इसकी बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए उपाय कर रही है. मन्ना ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आलू की स्थिर आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकार ने सुफल बांग्ला नेटवर्क के साथ एसएचजी को शामिल करने का निर्णय लिया है, जिसके लगभग 500 निर्धारित या सचल बिक्री केंद्र हैं. हम ‘कोल्ड स्टोरेज’ में अपने 20 प्रतिशत आलू का उपयोग करेंगे. कोल्ड स्टोरेज इकाइयों से वे 26 रुपये प्रति किलोग्राम पर आलू की आपूर्ति करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपूर्ति बाधित न हो.’’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में अधिकारियों को आलू समेत सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था. जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित ‘कार्य बल’ बाजारों में छापेमारी कर रहा है. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि इससे बाजार में आलू की कीमतें थोड़ी कम हो गई हैं, लेकिन व्यापारियों की हड़ताल से आलू की आपूर्ति बाधित हो सकती है. बाजारों में आलू का खुदरा मूल्य 35 रुपये से लेकर 38 रुपये प्रति किलोग्राम तक है.