झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बीते दिनों झारखंड सरकार पर बालू माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि राज्य में बालू माफिया को अवैध रूप से बालू के उत्खनन एवं परिवहन का छूट दिया जा रहा है.
श्री मरांडी ने कहा था कि झारखंड में प्रत्येक दिन हजारों ट्रक लदे बालू सड़कों पर दौड़ रहे हैं, ना तो इन्हें कोई पुलिस रोक रही है और ना ही चेक पोस्ट पर रोका जा रहा है.
ज्ञात हो कि पूरे प्रदेश में 10 जून से ही बालू के उत्खनन को लेकर एनजीटी ने रोक लगा रखी है, इसके बावजूद बालू माफिया बिना किसी रोकटोक के तस्करी के माध्यम से बालू की कालाबाजारी कर रहे हैं.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी बीते दिनों झारखंड में बालू की लूट पर चिंता प्रकट की थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुरूप एनजीटी के रोक के बावजूद रांची के सिल्ली समेत लगभग 29 बालू घाटों में प्रतिदिन 500 ट्रक से ज्यादा अवैध बालू का उठाव किया जा रहा है.बालू घाटों की नीलामी न होने के कारण बालू माफिया, सिंडिकेट बनाकर बालू का अवैध उठाव कर हर महीने सरकार को करोड़ों का राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं.
बालू माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि बीते दिनों रांची के बुढ़मू में बालू तस्करी के वर्चस्व को लेकर पोकलेन एवं डंपर को जला दिया गया था.
रांची के सिल्ली थाना अंतर्गत भी रात 12:00 बजे के बाद पोकलेन एवं हाईवा लगाकर अवैध रूप से बालू उत्खनन की शिकायत मिल रही है.
लोग बताते हैं कि सिल्ली थाना क्षेत्र से लगभग 25 गाड़ी प्रतिदिन बालू की निकासी कर रांची क्षेत्र में बेचा जाता है.
थाना के मिली भगत के बिना इस प्रकार का अवैध कारोबार संभव नहीं है! बालू के अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड मनोज महते को बताया जाता है.
रांची के तेज तर्रार वरीय पुलिस अधीक्षक के हिदायत के बाद सिल्ली थाना क्षेत्र से बालू निकालने की लगातार मिल रही शिकायत पर सिल्ली पुलिस के रवैया में क्या सुधार आ पाएगा ,यह समय के गर्त में है.