Jamshedpur. टाटा स्टील फाउंडेशन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने पश्चिम सिंहभूम जिले के नोआमुंडी ब्लॉक में इंटीग्रेटेड वाटरशेड और जलवायु संरक्षण परियोजना को लागू करने के लिए एक साथ मिलकर काम करेगा. टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन की पहल पर यह सहयोगी रवैया अपनाया गया है. इसके तहत वाटरशेड परियोजना क्षेत्र में मिट्टी और जल संसाधनों का संरक्षण करना और 15 गांवों के 1500 परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है. यह कार्यक्रम स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की सस्टेनेबिलिटी पहलों के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक महत्वाकांक्षी डब्ल्यूएएसएचइ कार्यक्रम भी शामिल है. यह कार्यक्रम 11 भारतीय राज्यों में जल संकट और स्वच्छता की चुनौतियों का समाधान करता है.
आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान देते हुए, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का उद्देश्य 32 जिलों को सूखा-मुक्त बनाना है और इस पहल के तहत, अब तक 15 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाकर, विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. अगले तीन वर्षों में, इस कार्यक्रम के तहत 1500 हेक्टेयर भूमि को विभिन्न मिट्टी और नमी संरक्षण तकनीकों से संरक्षित किया जाएगा, 19.43 मिलियन क्यूबिक फीट जल भंडारण क्षमता का निर्माण किया जाएगा, और 1500 किसान परिवारों को कृषि गतिविधियों में शामिल किया जाएगा, जिससे उनकी वार्षिक आय में 1 लाख रुपये की वृद्धि हो सके.
इसके अतिरिक्त, 656 एकड़ भूमि को सिंचित भूमि में परिवर्तित किया जाएगा, और किसानों को मौसम आधारित परामर्श सेवाएं प्रदान की जाएंगी, साथ ही उन्हें जलवायु-अनुकूल कृषि अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. परियोजना के अंतर्गत, सात गांवों में वाटरशेड समितियों का गठन किया जाएगा, जो वाटरशेड गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएंगी. इस पहल का उद्देश्य भूजल स्तर में 2 से 3 मीटर तक की वृद्धि करना है, जिससे जल संसाधनों की निरंतरता सुनिश्चित हो सके. टाटा स्टील फाउंडेशन के सीइओ सौरव रॉय ने कहा कि दीर्घकालिक समाधान तभी संभव हैं जब सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करें और प्रभावी तरीकों से समुदायों के साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करें. जल संरक्षण सस्टेनेबिलिटी, कृषि, और पारिस्थितिक संतुलन से जुड़ी गतिविधियों का प्रमुख पहलू रहा है.