Kolkata.दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा पानी छोड़े जाने पर कई जिलों सहित ग्रामीण हावड़ा के उदयनारायणपुर और आमता में भी बाढ़ आ गयी है. स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार शाम को उदयनारायणपुर के कुलटिकरी पहुंचीं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मैंने पानी नहीं छोड़ने की गुजारिश की थी, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनीं. ममता बनर्जी ने कहा कि मेरी समझ में यह नहीं आता है कि आखिर बंगाल के लोग इस मैन मेड बाढ़ को क्यों भुगतेंगे? उन्होंने कहा कि डीवीसी ने पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है. डीवीसी हमलोगों को सही जानकारी भी नहीं दे रहा है.
डीवीसी मैथन व पंचेत डैम से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ आ गयी है. स्थिति की गंभीरता को देख बंगाल सरकार ने गुरुवार शाम झारखंड सीमा के डीबूडीह चेकपोस्ट (बंगाल क्षेत्र) पर बैरिकेडिंग कर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी. इससे झारखंड क्षेत्र में नेशनल हाइवे पर कोलकाता लेन में मुगमा तक करीब पांच किलोमीटर वाहनों की लंबी कतार लग गयी है. पश्चिम बंगाल के आधा दर्जन थानों की पुलिस चेकपोस्ट पर तैनात की गयी है. जिन मालवाहक वाहनों को रोका गया है, उनमें जरूरी सामान लदी गाड़ियां भी हैं. हालांकि बंगाल प्रशासन छोटी गाड़ियाें को जाने दे रहा है. बताते चलें कि आसनसोल, दुर्गापुर, बर्धमान, रघुनाथपुर, पुरुलिया क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है. इस बीच, वाहन रोके जाने से नाराज झारखंड सहित अन्य प्रांतों के चालकों ने कहा कि अगर समय पर माल की डिलीवरी नहीं होगी, तो उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी.
इधर, केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से पानी छोड़ते समय सभी मानदंडों का पालन किया गया था. इस प्रकार, केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन आरोपों का खंडन किया है कि राज्य में बाढ़ के लिए पानी का छोड़ा जाना जिम्मेदार है. इससे पहले दिन में, बनर्जी ने कहा कि बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ ‘केंद्र सरकार के संगठन डीवीसी द्वारा अपने बांधों से छोड़े गए पानी’ के कारण आई है.